लूटखसोट को रोकने के मनपा ने तय किये सीटी स्कैन के दर

निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क लेने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
पिंपरी। महामारी के बढ़ते फैलाव और मरीजों की बढ़ती संख्या से पिंपरी चिंचवड़ शहर में बुरे हालात हैं। उसी में निजी अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों की लूटखसोट शुरू कर दी गई। पिंपरी चिंचवड़ मनपा प्रशासन ने इस मनमानी पर लगाम कसने की शुरुआत कर दी है। निजी अस्पतालों के बिलों की जांच के लिए दस्ते गठित करने के बाद अब सीटी स्कैन के लिए मनमाने पैसे वसूलने वाले डायग्नोस्टिक सेंटरों पर लगाम कसा जा रहा है। इस कड़ी में सीटी स्कैन के दर निश्चित कर उसी के हिसाब से शुल्क लेने के आदेश दिए गए हैं। इसका उल्लंघन करने और उससे ज्यादा बिल वसूलने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी मनपा आयुक्त राजेश पाटिल ने दी है।
फरवरी के महीने से शहर में कोरोना रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। नतीजतन, सीटी स्कैन की संख्या में वृद्धि हुई है। सीटी स्कैन के लिए मरीजों की लंबी कतारें हैं और समय खत्म हो रहा है। कई स्थानों पर सीटी स्कैन के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूलने वाले अस्पतालों, नैदानिक ​​केंद्रों के बारे में शिकायतें मिल रही हैं। इसके मद्देनजर सीटी स्कैन की दरें राज्य सरकार द्वारा तय की गई हैं। 16 स्लाइस से कम के सीटी स्कैन के लिए रेट 2,000 रुपये, मल्टी-डिटेक्टर के लिए 2,500 रुपये (16 से 64 स्लाइस) और मल्टी-डिटेक्टर के लिए 3,000 रुपये (64 स्लाइस के बाद) सीटी स्कैन के लिए निर्धारित किया गया है। इस राशि में सिटी स्कैन इंस्पेक्शन, रिपोर्ट सिटी फिल्म, पीपीई किट, डिसइनफेक्ट, स्वच्छता शुल्क और जीएसटी शामिल हैं। इस निर्धारित दर के अनुसार बिल लेना अनिवार्य है। सभी निजी अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटरों को दृश्य क्षेत्र में सीटी स्कैन परीक्षा के लिए निर्धारित दरों (मशीन के प्रकार के आधार पर) को प्रकाशिक करना चाहिए। निर्धारित दर के बारे में अस्पताल प्रबंधन को सूचित करना अनिवार्य है। इसका पालन न करने की सूरत में मनपा आयुक्त पाटिल ने संक्रामक रोग अधिनियम, 1897 और मेसमा अधिनियम, 2011 के तहत संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।