बायोगैस से स्ट्रीट लाइट लगाने का मनपा प्रशासन का दावा झूठा : सजग नागरिक मंच 

पुणे : समाचार ऑनलाईन – कचरा प्रक्रिया प्रकल्प से पैदा होने वाले बायोगैस के जरिए बिजली का निर्माण कर स्ट्रीट लाइट लगाने की मनपा की योजना प्रत्यक्ष में नहीं आयी. करोड़ों रुपए खर्च कर एक भी दीया नहीं जला. इससे प्रशासन द्वारा किया गया दावा झूठा साबित हो गया है. मनपा के विद्युत विभाग व ठोस कचरा प्रबंधन विभाग में समन्वय नहीं होने से यह असफलता मिली है.

मनपा ने 25 बायोगैस प्रोजेक्ट शुरू किए

शहर में मनपा ने 25 बायोगैस प्रोजेक्ट शुरू किए थे. उनमें से 22 कार्यान्वित हैं. इनमें से बायोगैस तैयार कर प्रति दिन प्रति प्रोजेक्ट में 100 स्ट्रीट लाइट जलती हैं. यह दावा प्रशासन ने किया है. लेकिन विद्युत विभाग के सूत्रों ने अब तक एक भी दीया ठीक प्रकार से नहीं जलने का स्पष्ट किया है. शहर के सभी स्ट्रीट लाइट महावितरण के बिजली पर जलाए जाते है. मनपा ने 16 करोड़ रुपए खर्च कर बायोगैस के माध्यम से बिजली निर्माण हेतु प्रोजेक्ट बनाए है. इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट फिलहाल बंद हैं.

125 टन गीला कचरा नष्ट करने का लक्ष्य

यह प्रोजेक्ट बनाते समय इन प्रोजेक्ट में 125 टन गीला कचरा प्रक्रिया कर नष्ट करने का उद्देश्य था. इन प्रोजेक्ट के मेन्टेनेंस पर ढाई करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो गया है. 10 किलो गीले कचरे से एक घनमीटर गैस तैयार होने की अपेक्षा है. एक जुलाई 2018 से 28 फरवरी 2019 की अवधि में इन सभी 20 प्रोजेक्ट में कचरे से केवल 20 प्रतिशत गैस निर्माण का कार्य किया गया है. सजग नागरिक मंच के विवेक वेलणकर ने बताया कि करीब 16 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद इन प्रोजेक्ट पर मेन्टेनेंस के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ रहे है. सफेद हाथी पालने का यह प्रकार है. प्रोजेक्ट पूरी क्षमता से चलाए जा रहे हैं, यह कहना जनता की आंखों में धूल झोंकना है. यह प्रोजेक्ट असफल हो गए हैं, लेकिन मनपा इसे मान्य नहीं करेगी. आरटीओ ने पुणे मनपा को चेताया, रिसने वाले टैंकर से पानी सप्लाई न करें