मालेगांव सहकारी कारखाने पर राकांपा का वर्चस्व

पुणे : समाचार ऑनलाइन – बारामती स्थित मालेगांव सहकारी शक्कर कारखाने के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पुरस्कृत नीलकंठेश्वर पैनेल ने बाजी मारते हुए अपना वर्चस्व प्रस्थापित किया। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की दृष्टि से यह चुनाव प्रतिष्ठा का था।

मालेगांव सहकारी शक्कर कारखाने पर पहले से ही राकांपा का वर्चस्व था। पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के एक समय नजदीकी होनेवाले शक्कर उद्योग के विशेषज्ञ चंद्रराव तावरे ने पिछले पंचवार्षिक चुनाव में राकांपा को मात देकर कारखाने की सत्ता अपनी ओर खींची थी। यह राकांपा के लिए बड़ा झटका था। तब से पिछले पांच सालों में शरद पवार कारखाने में नहीं गए थे। इसलिए इस चुनाव में शरद पवार को सम्मान से कारखाने में लाएंगे ऐसा वादा अजित पवार ने किया था। उन्हांेने यह चुनाव प्रतिष्ठा का बनाया था। इसलिए सभी का ध्यान इस चुनाव की ओर लगा हुआ था।

रविवार को कारखाने का चुनाव हुआ। सोमवार को मतगणना थी। मतगणना को करीबन साढ़े तीन घंटे देर होने के कारण पूरी रात मतगणना प्रक्रिया जारी थी। मंगलवार की सुबह मतगणना प्रक्रिया पूरी हुई। राकांपा पुरस्कृत नीलकंठेश्वर पैनेल ने 21 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि चंद्रराव तावरे के किसान बचाव सहकारी पैनेल के पड़ले में महत 4 सीटें ही आई। हालांकि चंद्रराव तावरे फिर एक बार बतौर निदेशक जीत गए है। शुरू में तावरे के लिए यह चुनाव एकतरफा माना जा रहा था लेकिन अजित पवार ने मैदान में उतरकर, कईयों से व्यक्तिगत संपर्क कर कारखाने पर फिर से वर्चस्व प्रस्थापित किया और पिछले चुनाव की हार का बदला लिया।