मालदीव के नए राष्ट्रपति ने पिछली सरकार पर साधा निशाना

“चीन से लिया कर्ज और सरकारी खजाने को लूटा” 
माले : समाचार एजेंसी – शनिवार को शपथ लेने के साथ ही मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने चीन की तरफ झुकाव रखने वाली पिछली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने साफ कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में चीन से मिले भारी-भरकम कर्ज के बाद सरकारी खजाने को जमकर लूटा गया। इससे देश के सामने गंभीर वित्तीय संकट पैदा हो गया। आपको बता दें कि हिंद महासागर में बसा खूबसूरत देश मालदीव अपने द्वीपों और लग्जरी रिजॉर्ट्स के लिए मशहूर है।

हालांकि इन प्रोजेक्टों के कारण 4 लाख से ज्यादा की आबादी वाला देश कर्ज में फंस गया। ऐसे में जांच की जरूरत महसूस हुई कि आखिर पिछली सरकार के समय में कामकाज के ठेके चीन की कंपनियों को कैसे मिले? राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के फौरन बाद अपने भाषण में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति का कार्यभार संभाल रहा हूं तो देश की वित्तीय स्थिति अनिश्चित है। काफी ज्यादा नुकसान उन प्रोजेक्टों के कारण हुआ है जिन्हें सिर्फ राजनीतिक मकसद से और घाटे में शुरू किया गया।’

राजधानी माले के फुटबॉल स्टेडियम में हुए कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे महत्वपूर्ण विदेशी अतिथि के तौर पर शामिल हुए। मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी ने सोलिह से कहा है कि भारत इस आर्थिक संकट के समय में मालदीव की पूरी मदद करने के लिए तैयार है। दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मसलों पर विस्तार से चर्चा की।
सोलिह ने कहा, ‘सरकार में अलग-अलग स्तर पर हुए भ्रष्टाचार और गबन के कारण सरकारी खजाने को कई अरब का नुकसान हुआ।’ उन्होंने आगे कहा कि यह अभी साफ नहीं है कि देश को कितना घाटा हुआ है। उनकी टीम ने कहा है कि इस हफ्ते यामीन सरकार द्वारा की गई सभी डीलों की फरेंसिक ऑडिट कराई जाएगी। इनमें से कई डील चीन की कंपनियों के साथ की गई है।
सोलिह सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता भी यही है कि देश पर चीन का भारी कर्ज है, जो तमाम प्रोजेक्टों के लिए लिया गया। सोलिह की टीम का कहना है कि उन्हें बताया गया था कि देश पर चीनी उधारदाताओं का 1.5 अरब डॉलर कर्ज है लेकिन आशंका इस बात की है कि यह और भी ज्यादा हो सकता है। 1.5 अरब डॉलर का कर्ज ही देश के सालाना GDP का चौथाई से भी ज्यादा होगा।