पुणे (Pune News) : महाराष्ट्र स्थावर संपदा नियामक आयोग (MahaRERA) (महारेरा) ने 2017 से 2019 के बीच प्रोजेक्ट समय पर पूरा न करने वाले राज्य के 644 हाउस प्रोजेक्ट (house project) को ब्लैक लिस्ट (black list) में डाला है। इसमें पुणे (Pune) जिले के 189 प्रोजेक्ट शामिल है। इस निर्माण व्यवसायी प्रोजेक्ट के किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री नहीं कर सकते हैं, साथ ही कंस्ट्रक्शन (construction) भी नहीं कर सकते हैं। इससे यह सामने आया है कि पुणे जिले का बहुचर्चित लवासा प्रोजेक्ट (Lavasa Project) भी 2017 से बंद है। पुणे परिसर के ब्लैक लिस्ट में डाले गए प्रोजेक्ट (MahaRERA) का प्रतिशत पूरे राज्य का 29 प्रतिशत है।
पुणे में 2017 से बंद प्रोजेक्ट के नाम ब्लैक लिस्ट में इसलिए डाले गए हैं क्योंकि उन्होंने समय पर प्रोजेक्ट (Pune Housing Project) पूरा नहीं किया है।
नोटबंदी, जीएसटी के बाद देश के निर्माण व्यवसायी को बहुत नुकसान हुआ है। इस मंदी में ही करोना महामारी ने निर्माण व्यासायी की कमर तोड़ दी। इस स्थिति में कुछ निर्माण व्यवसायी (construction dealer) ने ज्यादा कर्ज लेकर प्रोजेक्ट पूरा करने की कोशिश की लेकिन कोरोना की वजह से इस कोशिश पर भी पानी फिर गया। ऐसे में महारेरा (MahaRERA) द्वरा राज्य के लगभग साढ़े छ्ह सौ प्रोजेक्ट को ब्लैक लिस्ट (Black list) में डालने से निर्माण व्यवसायी के बीच हड़कंप मच गया है।
पुणे जिला साथ ही राज्य के ऐसे प्रोजेक्ट जिन्हे ब्लैक लिस्ट में डाला गया है, उसकी पूरी सूची इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं : https:/maharera.mahaonline.gov.in/site/1128/Lapsed-projects
तकनीकी गलतियों के कारण कुछ प्रोजेक्ट के नाम शामिल
महारेरा (MahaRERA) द्वारा जारी किए गए लिस्ट में कई नाम तकनीकी खामियों की वजह से शामिल होने की बात क्रेडाई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शांतिलाल कटारिया (Shantilal Kataria) ने कही है। उन्होंने कहा कि महारेरा में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद तीन साल में उसकी अवधि समाप्त होती है।
यह अवधि समाप्त होने से पहले अगर निर्माण व्यवसायियों ने सभी फ्लैट, दुकान बेच दिए और तीन साल के बाद महारेरा को रिपोर्ट पेश नहीं किया तो वह व्यवसायी उनकी नजर में दोषी होता है।
इसका परिणाम हमें यह दिखा कि उस प्रोजेक्ट (Project) को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। इसलिए इसकी छानबीन करनी होगी।
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