महाराष्ट्र : मराठा आरक्षण के मुद्दे पर शरद पवार इतने उदासीन क्यों? नरेंद्र पाटील ने पूछा सवाल

मुंबई : ऑनलाइन टीम – अण्णासाहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र पाटील ने शरद पवार से मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि होटल और मकान मालिकों की समस्या का समाधान शरद पवार कर सकते हैं। उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। कहते है कि अगर मन में आ जाए तो शरद पवार कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन, खुद मराठा होते हुए भी वह मराठा समुदाय के आरक्षण के सवाल के प्रति इतने असंवेदनशील और उदासीन क्यों हैं?

सोमवार को पंढरपुर में नरेंद्र पाटिल ने राकांपा पर मराठा समुदाय के आंदोलन से हटने का भी आरोप लगाया है। नरेंद्र पाटिल ने पंढरपुर में भगवान के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की कड़ी आलोचना की। पाटिल ने कहा कि सत्ताधारी दल के मंत्री और विधायक मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए आहूत आंदोलन से आसानी से हट गए हैं। वे एक छाया के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे हैं। यह मराठा समाज का दुर्भाग्य है। 2017 में समाज बंधुओं ने आरक्षण के लिए 58 रैलियां कीं। सभी सत्तारूढ़ और विपक्षी मराठा समुदायों के मंत्री और विधायक एकजुटता से मार्च में शामिल हुए थे। अब, हालांकि, मराठा विधायक और सत्ताधारी दल के मंत्री आंदोलन में भाग नहीं ले रहे हैं। हालांकि जो लोग आएंगे उनके साथ हम इस आंदोलन की लड़ाई जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा कि शरद पवार को भारत का चाणक्य कहा जाता है। वे किसी भी प्रश्न को आसानी से हल कर सकते हैं। लेकिन, मराठा आरक्षण के सवाल पर उन्होंने ध्यान क्यों नहीं दिया, इसकी गुत्थी अभी सुलझ नहीं पाई है। एनसीपी का गठन 1999 में हुआ था। उस समय, पार्टी को मराठों की पार्टी के रूप में जाना जाता था। आज सत्तारूढ़ राकांपा के पास मराठा मंत्रियों का बहुमत है। हालांकि, कई अब सवाल कर रहे हैं कि एनसीपी और उसके नेता मराठा समुदाय के आरक्षण के प्रति इतने उदासीन क्यों हैं।

विधायक प्रशांत परिचारक, मराठा फेडरेशन के अध्यक्ष अर्जुन चव्हाण, किरण घडगे, भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीकांत देशमुख, डॉ. बी पी रोंगे, प्रशांत देशमुख, श्री. लटके सहित मराठा समुदाय के भाई व अन्य मौजूद थे।

इस बीच मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ सोलापुर में चार जुलाई को मोर्चा निकाला जाएगा। उस मोर्चा की तैयारी के लिए जिले के हर तालुका में बैठकें आयोजित की गई हैं। मोर्चा को लेकर पहली बैठक सोमवार को पंढरपुर में हुई। बैठक में मार्च में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को बुलाया गया।

मराठा मंत्रियों को सीखना चाहिए ओबीसी से –
दो दिन पहले ओबीसी नेताओं ने ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर लोनावाला में मेडिटेशन कैंप लगाया था। शिविर में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सभी ओबीसी नेताओं ने भाग लिया। फिर मराठा आरक्षण के लिए मराठा समुदाय के मंत्री और विधायक एक साथ क्यों नहीं आ सकते। नरेंद्र पाटिल ने मराठा समुदाय के मंत्रियों और विधायकों को ओबीसी मंत्रियों से सिखने की सलाह दी है।