महाराष्ट्र : मिरज के सिविल अस्पताल में आज पॉजिटिव तो कल निगेटिव कोरोना रिपोर्ट!

मिरज: मिरज के सरकारी कोरोना अस्पताल (सिविल) में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पहले दिन कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और दूसरे दिन कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। कुछ लोगों के साथ ऐसा होने पर लोगो में भ्रम की स्थिति का निर्माण हो गया है।

मिरज के सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज किया जाता है। मरीजों की यहीं पर टेस्ट हो इसके लिए सरकार ने आधुनिक लैब शुरू की है। हालांकि इस प्रयोगशाला में विचित्र घटनाएं घटने लगी है। एक ही व्यक्ति के कोरोना आरटीपीसीआर रिपोर्ट दो दिन के दौरान एक बार पॉजिटिव आता है और फिर दूसरे दिन निगेटिव आने का खुलासा हो रहा है। इसलिए कई लोगों को झटका लगा है।

मिराज एमआईडीसी के उद्यमी तिलक पडियार का भी ऐसा ही अनुभव है। 19 मई को उन्होंने सरकार द्वारा संचालित कोरोना अस्पताल की प्रयोगशाला में RTPCR टेस्ट किया। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो वह डर गया। उन्होंने वहां अपने पांच कर्मचारियों का भी टेस्ट कराया। उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। हालांकि उसके बाद अन्य उद्यमियों से इस बारे में पूछताछ करने पर उन्हें शक हुआ। फिर वह अगले दिन यानी कि 20 मई को फिर से उसी लैब में टेस्ट कराया। इसमें सभी की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसे में अब सवाल यह है कि उन्हें कोरोना है या नहीं। इसलिए उन्होंने उस लैब में दोबारा पूछताछ की तो वे सही जवाब नहीं दे सके। हालांकि, इस कारण ये उद्यमी असमंजस में हैं कि कोरोना का इलाज कराएं या नहीं।

इस अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाता है। यह जिले का सबसे बड़ा और सरकारी कोरोना अस्पताल है। पिछले डेढ़ साल में यहां कई मरीज ठीक हुए हैं। भले ही कुछ डॉक्टरों और नर्सों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई फिर भी वे ठीक होकर कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं। हालांकि पिछले महीने रेमडेसिविर की चोरी के मामले में एक सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद प्रशासन ने पुलिस को अलग ही रिपोर्ट भेजी। इससे भी भ्रम की स्थिति पैदा हुई। पता चला कि इसी अस्पताल में काम करनेवाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को सिर्फ चार सौ रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इस पर भी प्रशासन ने विचार नहीं किया।