महाराष्ट्र : सबसे अमीर पुणे जिला परिषद की पहचान खत्म होगी

पुणे, 1 जुलाई : पुणे जिला परिषद् के कार्यक्षेत्र में बड़े और मालदार गांव मनपा में शामिल हो गए है। आने वाले समय में पुणे जिला परिषद् की वार्षिक इनकम में हर वर्ष 100 करोड़ का नुकसान होगा। इसका असर जिला परिषद् के हर वर्ष के बजट पर होगा। ऐसे में बजट की रकम मौजूदा रकम की तुलना में करीब 25% कम हो जाएगा। इसका परिणाम यह होगा की राज्य की सबसे महंगी जिला परिषद् के रूप में पहचाने जाने वाले पुणे जिला परिषद् की यह पहचान खत्म हो जाएगी। जिला परिषद् के अधिकारियों ने भी इस बात को माना है।

अब तक राज्य के सबसे अधिक इनकम और सर्वाधिक स्टैम्प ड्यूटी पाने वाला पुणे ही एकमात्र जिला परिषद् था। इसकी वजह से राज्य में सबसे अधिक अमीर जिला परिषद् के रूप में पहचान बनी थी। इसकी वजह से राज्य में पुणे जिला परिषद् का ही बजट सबसे बड़ा होता था। लेकिन अब इसमें हर साल करीब 100 करोड़ रुपए की कमी आ जाएगी।
स्टैम्प ड्यूटी जिला परिषद् की वार्षिक कमाई का सबसे बड़ा स्रोत है। क्योकि प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री से जमा होने वाली कुल स्टैम्प ड्यूटी में से एक प्रतिशत फीस जिला परिषद् को मिलता है। इसके अनुसार पुणे जिला परिषद् को हर वर्ष ढाई से तीन सौ करोड़ रुपए का स्टैम्प ड्यूटी मिलता रहा है।

इस स्टैम्प ड्यूटी की सब्सिडी में सबसे अधिक हिस्सा इन 23 गांवों का होता था। क्योकि प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री की सबसे अधिक डील पुणे से सटे गांवों में होता है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से जिला परिषद् की कुल वार्षिक कमाई में इन गांवों का बड़ा हिस्सा रहता था। अब यह हिस्सा जिला परिषद् को नहीं मिलेगा।