महाराष्ट्र : राष्ट्रपति को बताये ! देवेंद्र फडणवीस की राज्यपाल से विनती; उद्धव सरकार पर आएगा क़ानूनी संकट 

मुंबई, 24 जून : पिछले कई दिनों से राज्य में महाविकास आघाडी में सब कुछ ठीक होने की तस्वीर सामने नहीं आ रही है।  कांग्रेस खुद के दम का नारा देने में जुटी है जबकि शिवसेना-राष्ट्रवादी फ़िलहाल सावधानी रखते हुए एकसाथ चुनाव लड़ने की बात कह रहे है।

आगामी मानसून अधिवेशन को देखते हुए राज्य सरकार ने विधि मंडल के दलों के साथ बैठक की थी।  इस बैठक में कोरोना को देखते हुए अधिवेशन की अवधि 2 दिनों के लिए रखने पर विरोधी दल भाजपा ने नाराजगी जाहिर की है।

इस पर विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार अधिवेशन से बच रही है। विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव पेंडिंग है।  ठाकरे सरकार कानून के अनुसार नहीं चल रही है।  संवैधानिक नियमों को पैरों तले रौंदे जाने का आरोप लगाया है।
इस मामले में देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है।  इस मुलाकात में उन्होंने तीन मांग की है। विधानसभा में पेंडिंग चुनाव कराई जाए और ओबीसी आरक्षण की मुश्किलों का हल होने तक लोकल बॉडीज का चुनाव नहीं कराया जाए।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकारी पार्टी का कार्यक्रम होता है।  लेकिन कोरोना की वजह बताकर सरकार अधिवेशन की अवधि कम करती है।  केवल दो दिनों का अधिवेशन होगा।  जिला परिषद् चुनाव होता है तब कोई वायरस नहीं फैलता है।  उन्होंने कहा की राज्य सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश है।  आरक्षण, महिला, विधार्थी गुस्से में है।  जिस तरह से घोटाले आ रहे है उसी वजह से ठाकरे सरकार अधिवेशन से बच रही है।  उन्होंने अधिक से अधिक दिन का अधिवेशन कराने की मांग की है।

विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली है।  संविधान कहता है कि इस पद को ज्यादा समय तक रिक्त नहीं रखा जा सकता है।  लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पद को चुनाव नहीं कराया जा रहा है। अध्यक्ष पद को रिक्त रखना संविधान के खिलाफ है।  उन्होंने राज्यपाल से कहा है कि वह राष्ट्रपति को बताये कि राज्य में सरकार कानून के हिसाब से नहीं चल रही है।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल से तीन-चार महीने पहले पत्र भेजा था।  उस पत्र के बाद अध्यक्ष पद का चुनाव कराना पड़ता है।  लेकिन नाना पटोले ने इस्तीफा देकर कहा कि यह दूसरा अधिवेशन है।  इसके बावजूद सरकार अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं करा रही है।