महाराष्ट्र: डिप्टी CM पद को लेकर सस्पेंस बरकरार! कांग्रेस-NCP दोनों चाहते हैं अपना उम्मीदवार

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन-  राज्य में लगभग 1 महीने तक चले सियासी घमासान के बाद आख़िरकार उद्धव राज स्थापित हो गया है. गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने शिवाजीनगर पार्क स्थित शिवतीर्थ में भव्यशपथ विधी समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के दो-दो मंत्रियों ने भी शपथ ली. शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई तो एनसीपी से जयंत पाटिल और छगन भुजबल ने भी मंत्री पद की शपथ ली. वहीं कांग्रेस की तरफ से महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बाला साहब थोराट और नितिन राउत ने उद्धव कैबिनेट के मंत्री के रूप में शपथ ली.

हालाँकि महाविकास आघाडी सरकार को अपना मुख्यमंत्री तो मिल गया है, लेकिन उप मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है. कल दोपहर तक जानकारी मिल रही थी कि कल (गुरुवार) ही बागी अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की कमान सौपी जा सकती है, लेकीन यह जानकारी गलत साबित हुई.

अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि उपमुख्यमंत्री पद को लेकर एनसीपी और कांग्रेस के बीच ठन गई है. इसलिए अब चर्चा है कि दोनों पार्टियों का एक-एक नेता डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. हालाँकि पिछले 2-3 दिनों से खबर यह आ रही थी कि कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री नहीं बल्कि विधानसभा के स्पीकर पद में रूचि है. इसलिए कांग्रेस के पास स्पीकर पद जाएगा. लेकिन अब उपमुख्यमंत्री पद पर कांग्रेस की दावेदारी संबंधी खबरें आ रही हैं. हालाँकि इनमें कितनी सच्चाई है, यह समय आने पर पता चल ही जाएगा.

बताया जा रहा है कि राज्य के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने स्पीकर का पद लेने से मना कर दिया है, इसके बाद कांग्रेस ने डिप्टी सीएम और एक अतिरिक्त मंत्री पद की मांग आगे रख दी है. वहीं एनसीपी की तरफ से उप मुख्यमंत्री पद के लिए अजित पवार को दावेदार माना जा रहा है, लेकिन उनके बागी तेवर के बाद गठबंधन के कई नेता इस फैसले के खिलाफ है. इसलिए देखा जाए तो राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसका फैसला तीनों पार्टियों के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गया है. यह फैसला न होने के कारण विधानसभा अध्यक्ष के चयन में भी देरी हो रही है.

वहीं कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि गुरुवार को हुई बैठक में भी सभी पार्टियों ने गृह, शहरी विकास, राजस्व, हाउसिंग एंड कोऑपरेशन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर अपना दावा पेशा किया है. अब देखने वाली बात होगी कि यह तीनों पार्टियां कैसे एक-दुसरे को विश्वास में लेकर उपमुख्यमंत्री सहित अन्य पदों का बंटवारा करती हैं.

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