Maharashtra | केंद्र के जोर लगाने के बाद भी ठाकरे सरकार नहीं गिर रही इसलिए विरोधी दल का असली चेहरा सामने आया 

मुंबई (Mumbai News), 21 सितंबर : Maharashtra | हसन मुश्रीफ (Hassan Mushrif) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) के साथ चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) पर गंभीर आरोप लगाया है।  इसके बाद चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस  कर क़ानूनी लड़ाई क़ानूनी तरीके से लड़ने की सलाह देते हुए कहा था कि इसे कोल्हापुरी चप्पल की तरह नहीं लड़े।  कोल्हापुरी चप्पल (Maharashtra) दिखाना आसान होगा।  लेकिन ईडी (ED) का सामना करना कठिन है।  चंद्रकांत पाटिल के इस हमले का शिवसेना (Shiv sena) ने सामना के जरिये जवाब दिया है।

चंद्रकांत पाटिल को ईडी का अनुभव कब से है ? (Maharashtra)

ईडी, सीबीआई जैसे केंद्रीय जांच एजेंसियां आपकी जेब में है।  इसके दम पर आप अपने राजनीतिक विरोधियों (Political Opponent) को धमका रहे है।  कुछ भी होने पर ये लोग सीधे ईडी (ED), सीबीआई (CBI) की धमकी देते है।  ऐसे में पूछना चाहता हूं कि चंद्रकांत पाटिल को ईडी का कब से अनुभव है।

चंद्रकांत पाटिल का सामना किया था

हसन मुश्रीफ मंत्री है और कोल्हापुर  (Kolhapur) में उनका राजनीतिक वजन है।  हाल के समय में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में कोल्हापुर में भाजपा  (BJP) का सूपड़ा साफ़ हो गया और चंद्रकांत पाटिल कोल्हापुर छोड़कर कोथरुड से चुनाव लड़े।  कोथरुड से जीत दर्ज करते ही चंद्रकांत पाटिल का चेहरा बदल गया।

महाराष्ट्र की परंपरा में अहंकार शोभा नहीं देता

चंद्रकांत पाटिल का यह कहना कि ईडी से लड़ाई में चेहरा सामने आएगा। यह उनका अहंकार है।  हमारे हाथ में सत्ता है और हम कुछ भी कर सकते है।  इस तरह की बात चंद्रकांत पाटिल पहले कई बार कह चुके है। उनकी नियत है कि  वे   केंद्रीय जांच एजेंसियों का हथियार चलाकर  विरोधियों को बेनकाब करें। महाराष्ट्र (Maharashtra) की परंपरा में यह अहंकार शोभा नहीं देता है।

जनता की जान से खेलना है क्या ?

मुंबई लोकल (Mumbai Local) में जहरीली हवा छोड़ने की आतंकवादियों की साजिश थी. पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया तो विरोधी राज्य की समस्या की बात कर पुलिस पर दबाव डाल रहे है।  विरोधियों दवारा पैदा की गई स्थिति से जनजीवन ठप हो सकता है।  विरोधियों को

राज्य की जनता की जान से खिलवाड़ करना है क्या ?

सामना में आगे लिखा गया है कि चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष है इस बात का उन्हें ध्यान रखना चाहिए।  लेकिन चंद्रकांत दादा के व्यवहार, बातों और उनकी हरकतों कोई गंभीरता से नहीं लेता है।  एक तरफ वह ईडी, सीबीआई जैसी संस्था को बदनाम कर रहे है।  इससे लोगों का इन एजेंसियों से विश्वास उठ गया है।  दूसरा एक गंभीर बयान पाटिल ने दिया है।  फ़िलहाल सरकार के पास पैसे खाने का स्किल नहीं है।  पाटिल कहते है कि पूर्व मंत्री के रूप में उनके पास यह स्किल है।  इस पर उन्होंने पीएचडी की है।  इसलिए ईडी को पाटिल और अन्य पूर्व मंत्रियों के पैसे खाने का हिसाब लेना चाहिए और पूर्व की सरकार का चेहरा सामने लाना चाहिए।

 

 

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