महाराष्ट्र : राष्ट्रपति शासन लगाने की शरद पवार की थी योजना, भाजपा के साथ सरकार बनाने का था प्लान ?

मुंबई, 27 नवंबर राजनीति में चेस का दांव खेलने के लिए सभी तैयारी रहते है।  राज्य में सत्ता के संघर्ष के एक साल पूरा हो रहा है।  इस अवधि में आखिर क्या हुआ इस पर लेखिका प्रियम गांधी ने पुस्तक लिखी है।  इस पुस्तक में  कई चौंकाने वाली दावे किये गए  है।  भाजपा को राज्य में सबसे अधिक सीट जितने के बाद भी विपक्ष में बैठना पड़  रहा है।  जबकि तीन दलों ने एक साथ  आकर सरकार बनाई है।

अजीत पवार के  देवेंद्र फडणवीस का साथ देते हुए शपथ लेने से सभी को झटका लगा था।  लेकिन इस घटना के पीछे की कई बातें पुस्तक से  सामने आई है।  शिवसेना-भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुई नाराजगी के बाद राष्ट्रवादी अध्यक्ष शरद पवार ने यह दांव खेला  था । पवार के दो खास विश्वासी को  भाजपा को सपोर्ट देने के लिए देवेंद्र फडणवीस के घर भेजा गया था।  उन्होंने बताया कि राष्ट्रवादी भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक हुई।  कौन-कौन सा मंत्रालय मिलेगा ? मंत्रिमंडल का  वितरण कैसा होगा ? इस बैठक में निश्चित किया गया।  देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार, शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल इस बैठक में मौजूद थे।  राष्ट्रवादी और भाजपा का सरकार बनाना निश्चित हुआ।  लेकिन सवाल यह उठा कि  जनता को क्या बताना है।  इस पर शरद पवार ने कहा कि हम राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए मदद करेंगे और अगले दस दिन बाद महाराष्ट्र के दौरे पर जाने की जानकारी देने के  बाद मीडिया से बात करेंगे ।
फ़िलहाल महाराष्ट्र में स्थिर सरकार की जरुरत है।  इसलिए राष्ट्रवादी ने भाजपा को सपोर्ट करने का निर्णय लिए है  ।   लेकिन कुछ दिनों में शरद पवार का मन बदल गया।  उन्होंने भाजपा के साथ नहीं जाने का निर्णय लिया।  पवार  के निर्णय का राष्ट्रवादी के नेताओं ने विरोध किया।  पार्टी के कई नेता भाजपा के साथ सरकार बनाने के इच्छुक थे।  इस दौरान राष्ट्रवादी के पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर गए।  उन्होंने बताया कि अब शरद पवार भाजपा के साथ सरकार नहीं बनाना चाहते है।  लेकिन ये कहा गया कि पार्टी के कई नेता भाजपा के साथ आने को तैयार है।  अजीत पवार ने भाजपा के साथ आने को इच्छुक है।  आप अजीत पवार से संपर्क में रहे और आपका जो मूल उद्देश्य है उस पर अमल करे।
एक वक्त में दो नाव में पैर रखना शरद पवार का राजनीतिक खेल 
शरद पवार एक तरफ भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए चर्चा कर रहे थे तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस और शिवसेना के साथ भी बात कर रहे थे।  शरद पवार को  कांग्रेस और शिवसेना अधिक अधिकार देने को तैयार थे।  जबकि भाजपा के साथ जाने पर राज्य में देवेंद्र फडणवीस, केंद्र में अमित शाह, नरेंद्र मोदी के साथ चलना होता।  ऐसी स्थिति में शरद पवार ने शिवसेना और कांग्रेस के साथ ज्यादा फायदेमंद समझा।
राष्ट्रवादी के नवाब मलिक का फडणवीस पर आरोप 
देवेंद्र फडणवीस ने लेखिका को आगे कर यह पुस्तक लिखने का आरोप राष्ट्रवादी ने लगाया है।  यह पुस्तक फडणवीस  का है।  जिन्होंने बेईमानी से सरकार बनाई उन्होंने यह पुस्तक लिखी  है। जिस तरह से भाजपा ने 80 घंटे में सरकार बनाई।  उससे भाजपा की छवि ख़राब हुई है।  इस पर पर्दा डालने के लिए यह पुस्तक सामने लाकर देवेंद्र फड़नवीस  ने पुस्तक लिखने के लिए लेखिका को कहा था।