Maharashtra Rain | अगले पांच दिन कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के घाटी शिखर में मूसलाधार बारिश की संभावना

 

मुंबई, 27 जुलाई : (Maharashtra Rain) बंगाल के उपसागर में कम दबाव का क्षेत्र तैयार हो गया है।  अगले 24 घंटे में इसकी तीव्रता और बढ़ेगी।  ऐसे में अरब के समुंद्र का बाष्प पूर्व क्षेत्र में चला जाएगा।  इसकी वजह से महाराष्ट्र (Maharashtra Rain) के कई हिस्सों में  अगले 5 दिन बारिश (heavy rain) होने की संभावना है।  कोंकण के समुंद्री किनारों में 40-50 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती है।  इसे देखते हुए मौसम विभाग (Meteorological Department) ने मछुआरों को समुन्द्र के किनारे नहीं जाने का  सुझाव दिया है.

अगले पांच दिन कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के घाटी शिखर में मूसलाधार बारिश होने की संभावना मुंबई के प्रादेशिक मौसम विभाग ने जताई है। साथ ही 30 और 31 जुलाई को कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के कुछ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।  मध्य महाराष्ट्र के घाटी शिखर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान है।  रायगढ़, रत्नागिरि के कुछ क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हो सकती है।  30  और 31 जुलाई के लिए इन क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।  इस दौरान 70 से 200 मिमी तक बारिश हो सकती है।

मुंबई और उपनगर में अगले तीन दिन हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है।  इस दौरान मुंबई और उपनगरों में 15-64 मिमी बारिश हो सकती है।  जबकि 30 और 31 जुलाई को मुंबई और उपनगरों के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश का अनुमान लगाया गया है।  मराठवाड़ा और विदर्भ में अगले पांच दिन कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।  अगले पांच दिन विदर्भ में बारिश देखने को मिलेगी। लेकिन 30 और 31 जुलाई को विदर्भ के सभी जिलों में मध्यम बारिश होने की उम्मीद है।

Pune |19 बांधों में 50% से अधिक जल संग्रहण

जिले के 26 बांधों में से 19 बांधों में 50 फीसदी से ज्यादा पानी जमा हो गया है। पिछले आठ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश (heavy rain) के कारण अधिकांश बांधों में भारी मात्रा में पानी (Pune) जमा हो गया है। जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के मुताबिक, पिछले चार साल में पहली बार इस साल 26 जुलाई को 19 बांधों में 50 फीसदी से ज्यादा पानी जमा हुआ है।

इस साल मई में, चक्रवात के कारण बांधों के आसपास भारी बारिश हुई थी। हालांकि, मानसूनी हवाओं के सक्रिय होने के बाद बारिश थम गई थी। 18 जुलाई की रात लगातार आठ दिनों तक बांध के जलग्रहण क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हुई।