महाराष्ट्र की सियासत: शरद पवार की उपस्थिति में हुए फैसले को टाला; मुख्यमंत्री ने दिखा दिया कि हम ही बॉस हैं

ऑनलाइन टीम- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी में लिए गए फैसले को टाल दिया है। महाराष्ट्र आवास और क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने कैंसर रोगियों के रिश्तेदारों और देखभाल करने वालों को समायोजित करने के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल को 100 फ्लैट हस्तांतरित करने का निर्णय लिया था। हालांकि, फैसले की घोषणा के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को टाल दिया है। इस संबंध में आवास विभाग के प्रधान सचिव को भी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है।

इस बीच, भाजपा प्रवक्ता और विधायक ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह महावसुली सरकार में सत्ता संघर्ष की परिणति है। उन्होंने यह भी कहा कि पवार को किनारा करते हुए मुख्यमंत्री ने दिखा दिया है कि वह बॉस हैं। उन्होंने इस बात पर भी दुख जताया है कि उन्होंने स्वार्थ की राजनीति में मानवता की कुर्बानी दी।

अतुल भातखलकर की टिप्पणी

अतुल भातखलकर ने ट्वीट किया, ‘गृह मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार की मौजूदगी में टाटा कैंसर अस्पताल के मरीजों के इलाज के लिए पास के सुखकर्ता-विघ्नहर्ता सोसायटी में कुछ घर उपलब्ध कराने के फैसले की घोषणा की थी। लेकिन मुंह पर तमाचा मारते हुए मुख्यमंत्री ने फैसला पलट दिया और मानवता को गड्ढे में धकेल दिया।‘

उन्होंने आगे कहा, ”मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह फैसला महावसुली सरकार में सत्ता संघर्ष के कगार पर है। मुख्यमंत्री ने दिखाया कि वह बॉस हैं और पवार को किनारा किया हैं। लेकिन इस राजनीति में उन्होंने इंसानियत की कुर्बानी दी। राजनीति निचले स्तर पर पहुंच गई है।”

वास्तव में क्या हुआ –

टाटा मेमोरियल अस्पताल में देशभर से मरीज आते हैं। उनके साथ रिश्तेदार और देखभाल करने वाले होते हैं; लेकिन क्योंकि उनके पास रहने के लिए जगह या रहने के लिए जगह नहीं है, उन्हें अक्सर फुटपाथ पर रहना पड़ता है। इस असुविधा से बचने के लिए गृह मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने परल शिवडी संभाग में करी रोड स्थित हाजी कसम चली के पुनर्विकास से प्राप्त फ्लैटों में से 300 वर्ग फुट क्षेत्र के 100 फ्लैट टाटा मेमोरियल अस्पताल को मामूली दर (1 रुपये प्रति वर्ष) पर देने का फैसला किया था।

शिवसेना विधायक चौधरी के पत्र पर मुख्यमंत्री ने आवास विभाग के प्रमुख सचिव को आदेश देते हुए कहा है कि रिपोर्ट मिलने तक इस योजना स्थगित की जा रही है। निर्णय की अमलबाजी होने पर इसे स्थगित करने के निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त की जा रही है।

शिवसेना विधायकों को क्या है आपत्ति?

जहां आवास विभाग के फैसले का हर जगह स्वागत हो रहा है, वहीं मुख्यमंत्री ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी की शिकायत के बाद म्हाडा के इस महत्वाकांक्षी फैसले को टाल दिया है। चौधरी शिवडी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र में सुखकर्ता और विघ्नहर्ता के पुनर्विकसित भवनों में 700 मराठी परिवार रहते हैं। कैंसर रोगियों के परिजनों को 100 फ्लैट देने के म्हाडा के फैसले से निवासियों में भय का माहौल है। चौधरी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मांग की थी कि निर्णय को तत्काल स्थगित किया जाए और इसके बजाय भोईवाड़ा स्थित म्हाडा हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के फ्लैट टाटा अस्पताल को सौंप दिया जाए। इस पर ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने इसे स्थगित करने का फैसला किया।