Maharashtra| नागपुर हत्याकांड: गला दबाते ही पत्नी की जीभ आई बाहर; सास के कमरे में आने पर कहा, देखो मरती भी नहीं!

नागपुर: ऑनलाइन टीम- आलोक के गला घोटने की वजह से अमीषा की जीभ बाहर आई थी। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उसकी मौत से लड़ाई शुरू थी। आलोक इस इंतज़ार में था कि जल्द से जल्द अमीषा मर जाए। अंदर के कमरे से सास इन दोनो के कमरे में आई तो आलोक ने कहा कि देखो यह मरती भी नहीं है… और फिर चाकू से उसका गला रेत दिया।

पाचपावली में पांच लोगों की हत्या के कई पहलू अभी छुपे हुए हैं। उसे बाहर निकालने के लिए पुलिस सिस्टम 36 घंटे से काम कर रही है। पुलिस को अमीषा का मोबाइल मिला है, उसमें ऑडियो क्लिप पर आलोक के घर आने से लेकर हत्या का घटनाक्रम रिकॉर्ड हुआ है। यह क्लिप 27 मिनट का है।

अमीषा ने उसके खिलाफ पुलिस शिकायत की थी जिससे आलोक नाराज था।‘तू मेरी नहीं तो किसी की नहीं’ ऐसा कहते हुए उसे खत्म करने का निर्णय आलोक ने लिया था। आलोक रविवार देर रात अमीषा के घर गया। उसके बॉडी लेंग्वेज को देखकर अमीषा को धोखे का एहसास हुआ।

तुम आए क्या…आओ… अब शर्माते क्यों हो?

अमीषा- तुम आए क्या…आओ… अब शर्माते क्यों हो?

(दोनों का हंसना खिलखिलाना… एक दूसरे पर प्यार बरसाना, शारीरिक संबंध की तैयारी… कुछ समय बाद…)

आलोक- तुमने मेरी पुलिस कम्प्लेन क्यों की?

अमीषा- मतलब क्या… मैं क्या तुम्हारी (…) हूँ क्या? मैं अपने मन की मालकिन हूँ। तुम अपना काम करो…

आलोक- अच्छे से व्यवहार करो…

अमीषा- तुम अच्छे से व्यवहार करो नहीं तो फिर से पुलिस में शिकायत करूंगी

(यह बात उसके दिल पर लगी और वह हिंसक हो गया। दोनो एक दूसरे को गंदी गंदी गालियां देने लगे… मारपीट करते हुए अर्धनग्न अवस्था में अमीषा का गला दबाया। वह हिचकी ले रही थी। तभी अमीषा की मां लक्षमीबाई उसके कमरे में आई। उसे देखकर , मरती क्यों नहीं.. ऐसा सवाल आलोक ने किया)

लक्ष्मीबाई- दामाद…आपने ये क्या किया…

आलोक- आप चिल्लाओ मत, लोग जग जाएंगे… चुप रहो…रहो…तभी लक्षमीबाई की चीख निकल गई (उसने उनका भी गला रेत दिया)।