Maharashtra | महाराष्ट्र के शुगर वर्कर्स को मिलेगी राहत

सोमेश्वरनगर (Someshwara Nagar News) : एक त्रिपक्षीय समिति ने राज्य में चीनी श्रमिकों (Sugar Workers) को 12 प्रतिशत वेतन वृद्धि देने का फैसला किया है। इससे राज्य (Maharashtra) में सहकारी और निजी चीनी मिलों के 1.5 लाख चीनी श्रमिकों को लाभ होगा। इसलिए कर्मचारियों के वेतन (Salary) में ढाई से तीन हजार की वृद्धि की जाएगी। यह वेतन वृद्धि 1 अप्रैल, 2019 से लागू की गई है और तब से कर्मचारियों को वेतन (Maharashtra) का अंतर देने का निर्णय लिया गया है।

 

राज्य में चीनी श्रमिकों का पांच साल का वेतन समझौता 31 मार्च 2019 को समाप्त हुआ था। तत्कालीन फडणवीस सरकार (Fadnavis Government) ने त्रिपक्षीय समिति नियुक्त करने को लेकर उदासीनता दिखाई। सरकार बदलने के बाद महागठबंधन सरकार (Grand Alliance Government) ने भी देरी की। श्रमिकों द्वारा आंदोलन की भूमिका व्यक्त करने के बाद सरकार के प्रतिनिधी, चीनी कारखाने (Sugar Factory) के प्रतिनिधी और श्रमिकों के प्रतिनिधियों की कुल 31 लोगों की त्रिपक्षीय समिति नियुक्त की गई थी।

 

कमेटी की पांच-छह बैठकें भी हुई। हालांकि, कारखाने पांच से आठ प्रतिशत तक वेतन बढ़ाने की स्थिति में थे, और श्रमिक प्रतिनिधि बीस प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे थे। अंत में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) को सर्वाधिकार दिया गया। पवार की मौजूदगी में 25 अगस्त को मुंबई (Mumbai) में कमेटी की बैठक भी हुई थी। इसके बाद गुरुवार को चीनी संघ (Sugar Association) के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर (Jaiprakash Dandegaonkar) की अध्यक्षता में त्रिपक्षीय समिति की अंतिम बैठक साखर संकुल में हुई।

 

इस बैठक में 1 अप्रैल 2019 से 12 फीसदी वेतन वृद्धि पर मुहर लगाई गई। महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) भी 2.70 से बढ़ाकर 2.90 किया गया। 1 अप्रैल 2019 से वेतन समझौता लागू होने तक वेतन वृद्धि में अंतर का भुगतान भी कारखानों को करना होगा।

 

 

 

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