पुणे (Pune News) : नागरी सहकारी बैंक के घोटाले (Nagari Sahakari Bank Scam) में महाराष्ट्र (Maharashtra) पिछले तीन वर्षों से अव्वल होने की जानकारी रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के आंकड़ों से सामने आई है। चौंकाने वाली बात यह है कि 31 मार्च 2021 तक नागरी सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक (District Co-operative Bank) को मिलाकर कुल डूबे (एनपीए) का आंकड़ा 84303 रुपए थी। देशभर के व्यावसायिक बैंको की तुलना (Maharashtra) में देशभर के सहकारी बैंकों का एनपीए (NPA) ज्यादा है।
देशभर के 1534 सहकारी बैंकों में से महाराष्ट्र का हिस्सा एक तिहाई है। आरबीआई (RBI) से मिले आंकड़े के अनुसार 1193 घोटालों में से में राज्य में हुए घोटालों की संख्या 853 थी। 2019-20 में कुल 568 घोटालों में से महाराष्ट्र में 386 और 2020-21 में 323 में से महाराष्ट्र में 217 घोटाले सामने आये है।
पंजाब (Punjab) और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (Maharashtra Co-Operative Bank) के घोटालों के बाद केंद्र सरकार (Central Government) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) के विरोध के बावजूद बैंकिंग नियम अधिनियम (Banking Rules Act) में इस वर्ष अप्रैल में बदलाव किया गया। पवार ने प्रधानमंत्री मोदी और सहकार मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी मुलाकात की थी।
277 नागरी सहकारी बैंकों को कब्जे में लिया गया
* कर्नाटक, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, और उत्तराखंड में सभी राजनीतिक दल के नेताओं का सहकारी बैंक है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में यह समस्या ज्यादा है।
* बैंकिंग नियम अधिनियम के बदलाव के अनुसार आरबीआई के सहकारी बैंकों को कब्जे में लेने, निर्वाचित संचालकों के अयोग्यता के आधार पर हटाने और सीईओ सहित किसी भी अधिकारी को हटाने का अधिकार मिल गया है।
* बैंकिंग नियम अधिनियम में बदलाव कर केंद्र सरकार ने राज्य के अधिकार पर हस्तक्षेप किया है। यह आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस का है। नागरी सहकारी बैंकों को अब व्यावसायिक बैंक की तरह समझा जा रहा है। आरबीआई ने कहा है कि 277 नागरी सहकारी बैंकों को कब्जे में लिया गया है। इनमे से 105 बैंक जरुरी पूंजी की पूर्ति करने में असमर्थ है।
राज्य स्तरीय घोटालों की संख्या
राज्य 2018-19 2019-20 2020-21
देशभर 1193 568 323
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