Maharashtra | सहकारी संस्थाओं की वार्षिक सभा की अवधि बढ़ाई गई

पुणे (Pune News), 22 सितंबर : राज्य (Maharashtra)के सभी सहकारी संस्थाओं की एनुअल जनरल बॉडी मीटिंग (Annual General Body Meeting) के लिए 31 मार्च 2022 तक अवधि बढ़ाये जाने का निर्णय मंत्रिमंडल (Cabinet) की बैठक में लिया गया। इस संदर्भ में महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम (Maharashtra Co-operative Societies Act) में संशोधन करने के लिए राज्य (Maharashtra) के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। इस निरि से सहकारी संस्थाओँ (Cooperative Organisation) को बड़ी राहत मिली है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) की अध्यक्षकता में मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को संपन्न हुई। इसमें राज्य के सभी सहकारी संस्थाओं की एनुअल सभा की अवधि 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई। ऐसे में संस्थाओं को कुछ महत्वपूर्ण विषय पर मंजूरी देने में देरी होने की संभावना है. इसके लिए संस्था के के नफे का निवेश, शेष रकम का निवेश का अधिकार, अगले वर्ष आर्थिक सर्कुलर को मंजूरी, ऑडिटर्स की नियुक्ति जैसे विषयों पर 2021-2022 के वार्षिक सभा के बजाय मंजूरी का अधिकार बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स (Board Of Directors) को दिया है।

राज्य सरकार (State Government) ने ,कोरोना को देखते हुए इससे पहले भी वार्षिक सभा (Annual Meeting) को आगे बढ़ा दिया गया था। इस पर राज्यपाल ने आदेश जारी किया था। इस वर्ष 50 से अधिक सदस्यों वाले सहकारी संस्थाओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 30 सितंबर तक वार्षिक सभा करने का आदेश दिया था। लेकिन कोरोना के प्रकोप के कारण अधिकांश सहकारी संस्थाओं के लिए ऑडिट रिपोर्ट तैयार करना संभव नहीं हो पाया। ऐसी स्थिति में वार्षिक सभा की अवधि बढ़ाने की मांग महाराष्ट्र अर्बन को-ऑप. बैंक्स फेडरेशन (Maharashtra Urban Co-op. Banks Federation) और महाराष्ट्र राज्य गृहनिर्माण संस्था महासंघ (Maharashtra State Housing Association Federation) ने की थी।

एक न्यूज़ पपेर ने संभावना जताई है कि आने वाले दो दिनों में अवधि बढ़ाये जाने की संभावना है। इससे जुड़ा प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।

ऑडिट को दिसंबर तक की अवधि

सहकारी संस्थाओं के आर्थिक वर्ष समाप्त होने से लेकर यानी मार्च के बाद चार महीने में जुलाई आखिर तक ऑडिट पूरी करने का प्रावधान सहकार अधिनियम में है। लेकिन कोरोना की वजह से ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) पेश करने के लिए वित्त वर्ष समाप्ति के बाद 9 महीने तक यानी 31 दिसंबर तक अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है।

 

राज्य सरकार के इस निर्णय का महाराष्ट्र अर्बन को-ऑप. बैंक्स फेडरेशन की तरफ से स्वागत है। जिन संस्थाओं ने ऑडिट पूरी नहीं की है। उन्हें इन निर्णय का फायदा होगा। लेकिन राज्यपाल (Governor) के सिग्नेचर के इस निर्णय पर अमल होगा। भविष्य में ऐसी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए सहकारी संस्थाएं समय पर ऑडिट पूरी करने को लेकर जागरूक रहना आवश्यक है

– विद्याधर अनास्कर, अध्यक्ष

– महाराष्ट्र अर्बन को-ऑप. बैंक्स फेडरेशन (Maharashtra Urban Co-op. banks federation)

 

 

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