Maharashtra | इतने दिनों तक बेवजह महाविकास आघाडी को बदनाम किया, अब…. , अजीत पवार ने केंद्र पर साधा निशाना 

मुंबई, 23 सितंबर : Maharashtra | पिछले कई दिनों से ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) और इसे लेकर चर्चा में आये इम्पीरिकल डेटा (Empirical Data) को लेकर सत्ताधारी और विरोधियों के बीच वाकयुद्ध और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।  इस संदर्भ में राज्य सरकार दवारा ओबीसी आरक्षण के लिए इम्पीरिकल डेटा की मांग जा रही है  लेकिन केंद्र (Maharashtra) दवारा इसे देने में टालमटोल की जा रही है। इसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में हुई सुनवाई  में केंद्र सरकार ने अपना रुख एफिडेविट (Affidavit) में साफ किया है।

 इसे लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार  ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इतने दिनों तक  बेवजह महाविकास आघाडी सरकार को बदनाम किया गया।  अब वास्तविकता सामने आई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दवारा आज सुप्रीम कोर्ट में पेश किये गए एफिडेविट पर केंद्र सरकार से अपना रुख साफ करने के लिए कहा है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए अजीत पवार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।  उन्होंने कहा कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख साफ किया है। और हमें कहा जा रहा था कि हम दे नहीं सकते है।  इससे वास्तविकता सामने आ गई है।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर एफिडेविट दिया है।  इसमें कहा गया है कि गलत इम्पीरिकल डेटा  हम नहीं दे सकते है।
केंद्र ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा 
एफिडेविट में केंद्र सरकार ने जो कहा है, उसके आधार पर कहा जा रहा है कि केंद्र ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।  सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने पुरे देश को लेकर अपना रुख साफ किया है। जब यह एफिडेविट हमारे पास आयेगा तब हम अपना रुख साफ करेंगे।
जिला परिषद् और पंचायत में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लिए राजनीतिक आरक्षण लागू करने के लिए अध्यादेश पर सिग्नेचर करने से पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी दवारा दर्ज कराई गई आपत्ति के बाद आरक्षण 50% से अधिक नहीं होगा। इस तरह का संसोधन करने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को लिया गया।  इसके अनुसार संसोधित अध्यादेश राज्यपाल के पास सिग्नेचर के लिए भेजा गया है।

 

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