मुंबई, 25 मई : बुधवार को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के उपसमिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में पिछड़े वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण को रद्द करने का जीआर रद्द करने की मांग पर काफी विवाद हुआ। कांग्रेस वर्सेस राज्य सरकार जैसी तस्वीर देखने को मिली। कांग्रेस नेता और ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने कहा कि कांग्रेस हमेशा पिछड़े वर्ग के साथ है। साथ ही मंत्रिमंडल से बाहर होने पर भी उन्होंने बयान दिया। लेकिन यह साफ हो गया है कि जीआर को न रद्द किया गया है और न ही उसे स्थगित किया गया है।
इस बैठक में अजीत पवार और ऊर्जा मंत्री के बीच काफी बहस हुई। इस मौके पर राऊत ने सवाल उठाया कि उपसमिति से बिना विचार किये 7 मई को किस तरह से जीआर रद्द किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग ने खुद से कैसे निर्णय ले लिया। इस पर अजीत पवार ने कहा कि पिछड़े वर्ष के साथ अन्याय करने की मेरी कोई मंशा नहीं है। नितिन राऊत और स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने इस जीआर को तुरंत रद्द करने की मांग की। इसके बाद यह प्रस्ताव विधि व न्याय विभाग के पास भेजकर राय मांगा जाएगा और उसके बाद फिर से उपसमिति की बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया।
इस संदर्भ में नितिन राऊत ने कांग्रेस का रुख साफ किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को हलके में नहीं ले । प्रमोशन में आरक्षण के संदर्भ में कांग्रेस समझौता नहीं करेगी। ऐसे में महाविकास आघाडी में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मतभेद फिर से सामने आ गया है। 2 दिनों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस प्रस्ताव पर बैठक नहीं बुलाई तो ,मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
नितिन राऊत दवारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि अजीत पवार अगर यह समझते है कि मंत्रिमंडल उपसमिति का सारा अधिकार उनके पास है तो यह उपसमिति का अपमान है। मंत्रिमंडल से बाहर होना है या नहीं यह निर्णय लेने का अधिकार कांग्रेस हाई कमान के पास है। लेकिन कांग्रेस पार्टी को हलके में नहीं ले, हम आपके नौकर नहीं है। कांग्रेस हमेशा पिछड़े वर्ग के साथ रही है। लेकिन पिछड़े वर्ग के साथ जो फ़िलहाल चल रहा है यह मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कान में डालूंगा।