कोल्हापुर , 26 जून : जब तक राज्य सरकार इम्पेरिकल डेटा पेश नहीं करती है तब तक ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलेगा। छगन भुजबल को मेरी खुली चुनौती है कि छगन भुजबल और देवेंद्र फडणवीस की कोल्हापुर के बिंदु चौक में चर्चा होने दे। ओबीसी समाज को कौन भ्रमित कर रहा है सामने आ जाएगा। यह चुनौतो भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दी है।
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के लिए रास्ता रोको आंदोलन किया जा रहा है। कोल्हापुर में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विधायक चंद्रकांत पाटिल की प्रमुख उपस्थिति में सेन्ट्रल बस स्टैंड के पास दाभोलकर कॉर्नर में आंदोलन किया गया. इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए चंद्रकांत पाटिल ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला।
उन्होंने कहा कि जब तक ओबीसी समाज को उनका राजनीतिक आरक्षण मिल नहीं जाता है तब तक सड़क पर उतरकर संघर्ष करता रहूंगा। ओबीसी समाज को उनका हक दिलाने के लिए एक बार क्या हज़ार बार गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि 15 बार सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि इम्पेरिकल डेटा दे। इनमे से बहुतों को इंग्लिश शब्द होने की वजह से फर्क समझ नहीं आया। वे कहते है कि केंद्र ने नहीं दिया है. इम्पेरिकल डेटा राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग तैयार करता है। इसका केंद्र से क्या संबंध है ? मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए जिस गायकवाड़ आयोग ने इम्पेरिकल डेटा यानी 5 लाख लोगों का सैंपल सर्वे किया। इम्पेरिकल डेटा का मतलब सैंपल सर्वे है जनगणना नहीं है।
इसका केंद्र से संबंध नहीं है। वह गायकवाड़ आयोग ने बनाया है। उसके आधार पर मराठा समाज ऑनपेपर आया है. मराठा समाज पिछड़ा है और उन्हें आरक्षण देना है तो 50% से अधिक देने का विकल्प देने को हाई कोर्ट ने भी माना है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को नहीं माना। ऐसा इम्पेरिकल डेटा जब तक राज्य सरकार तैयार नहीं करती है तब तक महाराष्ट्र के ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलेगा। ग़लतफ़हमी नहीं फैलाये। मेरी भुजबल को खुली चुनौती है कि छगन भुजबल और देवेंद्र फडणवीस की कोल्हापुर के बिंदु चौक में चर्चा होने दे। ओबीसी समाज को कौन भ्रमित कर रहा है सामने आ जाएगा। किसको फंसाया सामने आने दे। ओबीसी समाज को बताये की आरक्षण किसकी वजह से गया है।
महाराष्ट्र के ओबीसी समाज को 50% से कम का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट दवारा रद्द किये जाने से समाज में काफी तनाव पैदा हो गया है। ओबीसी को जब तक राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलता है तब तक भाजपा सड़क पर उतरकर संघर्ष करती रहेगी। ये तो बस अंगराई है, आगे और लड़ाई है। यह चेतावनी चंद्रकांत पाटिल ने दी है।