Maharashtra | उद्धव ठाकरे की लोकप्रियता ममता बनर्जी और स्टालिन के बराबर ; जावेद अख्तर ने की प्रशंसा 

मुंबई (Mumbai News) , 15 सितंबर : Maharashtra | उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) लोकप्रियता के मामले में  पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और तमिलनाडु के स्टालिन (Stalin) के समान है। वे अपने सबसे कड़े विरोधी के साथ किसी तरह का भेदभाव या अन्याय करते हो, ऐसा आरोप नहीं लगाया जा सकता है। इसकी वजह मुझे समझ नहीं आती है।  इस तरह के शब्दों में प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मुख्यमंत्री (Maharashtra) की प्रशंसा की है।

 

आरएसएस (RSS) और भाजपा (BJP) के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर विवादों में घिरे जावेद अख्तर ने सामने में लेख लिखकर अपना मौन तोडा है. इसमें उन्होंने कहा है कि कोई भी उद्धव ठाकरे की सरकार को तालिबानी (Talibani) कैसे और क्यों बोल सकते है. यह मुझे समझ नहीं आता है।

एक तरफ हिंदूवादी विचारधारा के लोग मुझे से चिढ़े हुए है। एक बड़े नेता ने आपके महाविकास आघाडी सरकार (Maha Vikas Aghadi Government) को तालिबानी कहा है।  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) का बेहद उत्कृष्ट नेतृत्व में जिन तीन पार्टियों के  गठबंधन ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में फ़िलहाल सरकार बनाई है उसमे से किसी भी पार्टी का मैं सदस्य नहीं हूं। आज महाराष्ट्र में उनकी लोकप्रियता पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और तमिलनाडु के स्टालिन के बराबर है। वे  अपने सबसे कड़े विरोधी के साथ किसी तरह का भेदभाव या अन्याय करते हो ऐसा आरोप नहीं लगाया जा सकता है।

जावेद अख्तर ने लेख में क्या लिखा है

 

मैंने जब 3 सितंबर 2021 को एनडीटीवी को इंटरव्यू दिया था तो मुझे बिलकुल भी कल्पना नहीं थी कि इस इंटरव्यू का इतना विरोध होगा।  एक तरफ वह लोग है जो जितने कड़े शब्दों में हो सकती है उन शब्दों में विरोध और नाराजगी जता रहे है दूसरी तरफ देश के कोने कोने में ऐसे लोग है जिन्होंने मुझे समर्थन में संदेश भेजा है।  मेरी राय से उन्होंने सहमति जताई है।  मैं उन सभी के प्रति आभार जताता हूं।  लेकिन मुझे सबसे पहले मेरे इंटरव्यू का तिरस्कार करने वाले आरोपियों और आलोचकों को जवाब  देना है।  हर आलोचक को व्यक्तिगत जवाब देना संभव नहीं होने की वजह से यह मेरा सार्वजनिक जवाब है।

मेरे आलोचकों ने कहा है कि मैं हिंदूवादी विचारधारा के लोगों की आलोचना करता हूं और मुस्लिम धर्म (Muslim Religion) के विरोध में  कभी एक रुख नहीं अपनाता हूं।  उन्होंने मुझे पर आरोप लगाया है कि मैं मुस्लिम तीन तलाक, बुर्खा या अन्य किसी विषय में नहीं बोलता हूं।  मुझे इसे लेकर आश्चर्य नहीं हुआ है।  मैंने पिछले कुछ वर्षों में क्या-क्या किया है इस संबंध में वे पूरी तरह से अनभिज्ञ है।  क्योंकि मैं इतना महत्वपूर्ण व्यक्ति नहीं हूं कि मैं क्या करता हूं और क्या कर रहा था ? यह हर किसी को जानकारी हो।

धार्मिक मुस्लिमों से जान को खतरा के कारण दो बार पुलिस सुरक्षा

 

लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछले दो दशक में धर्मांध मुस्लिमों से मेरी जान को खतरा होने की वजह से मुझे दो बार पुलिस सुरक्षा (police protection) दी गई थी।  पहला जब ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर देश में बहुत ज्यादा चर्चा नहीं थी लेकिन मैंने ट्रिपल तलाक का जोरदार विरोध किया था।  इसे लेकर मुस्लिम फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी (Muslim for Secular Democracy) नामक संस्था सहित हैदराबाद , इलाहाबाद, कानपुर और अलीगढ़ जैसे हिंदुस्तान के कई शहरों का दौरा किया था।  कई सार्वजनिक मंच से मैंने इसका विरोध किया था।  इसका परिणाम यह हुआ कि मुझे जान से मारने की धमकी आने लगी।  मुंबई के एक उर्दू न्यूज़ पेपर में इसे प्रमुखता से छापा गया था। यह घटना 2007 की है। मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ए एन रॉय (Police Commissioner A N Roy) ने न्यूज़ पेपर के एडिटर और प्रकाशक को बुलाया और चेतावनी दी कि किसी भी तरह की हिंसक घटना होती है तो इसके लिए मुंबई पुलिस (Mumbai Police) न्यूज़ पेपर को जिम्मेदार मानेगी।

हिंदू का अपमान करने के  आरोप में जरा भी सच्चाई नहीं

कुछ लोगों ने मुझे पर तालिबान (Taliban) को महिमामंडित करने का आरोप लगाया है।  इससे ज्यादा गलत और हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता है।  मेरे मन में ऐसे लोगों की मानसिकता का तिरस्कार है।  मुझे पर हिन्दू धर्म (Hindu religion) और हिन्दू का अपमान करने का आरोप लगाया है।  इसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है।

हिंदुस्तान कभी अफगानिस्तान नहीं बन सकता

 

मैंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि हिंदू दुनिया की सबसे सभ्य और सहिष्णु बहुसंख्यक है।  इसका मैंने कई बार जिक्र किया है और पूरे विश्वास से कहता हूं कि हिंदुस्तान कभी अफगानिस्तान नहीं बन सकता है।  क्योंकि हिंदुस्तानी प्राकृतिक रूप से कट्टरवादी नहीं है।  नम्र होते है और बीच का रास्ता अपनाते है।  यह उनके डीएनए में है।

तालिबान और हिंदूवादी विचारधारा की मानसिकता बहुत हद तक समान

तालिबान और हिंदूवादी (Maharashtra) विचारधारा की मानसिकता में बहुत हद तक समानता है।  इस बात से मेरे आलोचकों को काफी गुस्सा आया है।  लेकिन वास्तविकता ऐसी है कि इसमें बहुत समानता है।  तालिबान धर्म पर आधारित इस्लामिक सरकार (Islamic Government) की स्थापना कर रहे है।  हिंदूवादी सोच वालों को हिंदू राष्ट्र (Maharashtra) की स्थापना करना है।  तालिबान महिला अधिकार पर रोक लगाता है और लड़कियों को आजादी देना पसंद नहीं है।  उत्तर प्रदेश, गुजरात से लेकर कर्नाटक तक कई राज्यों के रेस्टोरेंट, गार्डन या सार्वजनिक जगहों पर एक साथ बैठे युवक-युवतियों को निर्दयता से मारते है।  मुस्लिम धर्मांध की तरह हिंदूवादी विचारधारा में भी महिलाओं को खुद का  जीवन साथी चुनने का अधिकार नहीं है।

गोलवलकर का उल्लेख करने की वजह से मुझसे नाराज

मैंने इंटरव्यू में मैंने एम एस गोलवलकर के नाजी जर्मनी को लेकर और अल्पसंख्यकों को खत्म करने के नाजी सिस्टम का उल्लेख किये जाने की वजह से कुछ लोग मुझे से नाराज है। गोलवलकर ने 1940 से 1973 तक संघ परिवार के सर्वेसर्वा थे।  उन्होंने वुई आर अवर नेशनहुड डीफाइंड और अ बंच ऑफ़ थॉट्स ये दो पुस्तक लिखी है।  यह पुस्तक इंटरनेट पर सहज उपलब्ध है।  पिछले कुछ वर्षों में उनके समर्थकों इनमे से पहली पुस्तक गुरूजी ने नहीं लिखने की बात कहते हुए इससे हाथ झटकने का प्रयास किया।   उनके समर्थक कहते है कि इस पुस्तक में गोलवलकर का नाम गलती से छापा गया है।  ऐसे में स्वाभाविक रूप से उनके समर्थकों ने उनके खिलने की बात को नकार दिया है।  यह राजनीतिक स्वार्थ के अलावा दूसरा कुछ नहीं है।

धर्म, जाति और पंथ के आधार पर लोगों में फूट डालने वाले किसी भी विचार का विरोध

इस इंटरव्यू में मैंने संघ परिवार के कुछ संगठन को लेकर मैंने अपनी आपत्ति जताई है। धर्म, जाति और पंथ के आधार पर लोगों में फूट डालने वाले किसी भी विचार का मैं  विरोध   करता हूं।  इसी तरह के किसी भी भेदभाव के मैं खिलाफ हूं।  2018 में हिंदुस्तान के सबसे आदरणीय मंदिरों में से एक वाराणसी के संकटमोचन मंदिर ने मुझे आमंत्रित किया और इससे भी ज्यादा अद्भुत यह रहा कि मुझे शांति दूत की उपाधि और ट्रॉफी दी गई।  मुझे मंदिर के अंदर भाषण देने का मौका दिया गया।  मेरे जैसे नास्तिक के लिए बेहद दुर्लभ सम्मान है।