बीड में एक महिला 20वीं बार बनने वाली है ‘माँ’, ‘इस’ गाँव में 10-12 बच्चे होना आम बात

पुणे : समाचार ऑनलाईन – आज विश्व साक्षरता दिवस है. शिक्षा के कारण महाराष्ट्र आज आगे बढ़ा और बेहतर हुआ. आर्थिक सुधारों की बात करें तो महाराष्ट्र आज देश में पहले नंबर पर है. लेकिन मराठवाड़ा से आ रही एक खबर ने इस प्रगतिशील राज्य को झकझोर कर रख दिया है. यह चौकाने वाली खबर बीड और लातूर जिले से जुडी हुई है.

बीड में, एक महिला बनने जा रही है 21 वीं बार माँ

बीड की एक महिला को अब 21 वां बच्चा होने वाला है. यह मामला बीड के माजलगांव से दो किलोमीटर दूर केसापुरी कस्बे का है. यहाँ पर रहने वाली महिला के पहले से 20 बच्चे हैं और अब इक्कीसवे बच्चे को जन्म देने वाली है. इस महिला का नाम लंकाबाई खरात है. इस बारे में खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पल भर के लिए चकरा गए व जल्द ही महिला को सरकारी अस्पताल भेजा गया.

पहले से हैं 9 बेटियां और 2 बेटे

केसापुरी वसाहत में मालोजी देवीदास खरात एक तंबू बनाकर रहते हैं. उनकी पत्नी लंकाबाई 21 वीं बार आठ महीने की गर्भवती हैं. लंकाबाई की पहले से ही नौ बेटियां और दो बेटे सहित 11 बच्चे हैं. प्रसव के दौरान 9 शिशुओं की मौत हो गई. लंकाबाई की सभी 20 डिलेवरी घर पर ही हुई है. सिर्फ 21 वे प्रसव के लिए उसे पहली बार अस्पताल ले जाने वाले हैं.

लातूर में आज भी महिलाओं के हैं 10-12 बच्चे

लातूर जिले के निलंगा तालुका में अंसर वाडी में, महिलाओं के लिए अभी भी 10-12 बच्चे पैदा करना आसान बात है. इस गाँव में एक गोपाल समुदाय रहता है, जो भीख माँग कर अपना भरन-पोषण करता है. इस गोपाल समाज में ऐसी कई महिलाएं हैं, जिनके कम-से-कम पंद्रह से बीस बच्चे हैं और अभी भी जीवित हैं. इतने सारे बच्चों का क्या नाम रखा जाए, इसलिए माँ-बाप बच्चों के नाम भाजी, रोटी,गांजा, दारू, बंदूक, सुपारी आदि रख देते हैं.