Maharashtra | स्कूल में चाय और पकोड़े बेचनेवाले बारामती के अल्ताफ बने आईपीएस

बारामती (Baramati News) :  Maharashtra | जिद, लगन और मेहनत के दम पर ग्रामीण क्षेत्र के युवक भी आसमान की ऊंचाई को छू सकते हैं। इस बात को बारामती (Baramati) तालुके के काटेवाडी के अल्ताफ शेख (Altaf Sheikh) ने साबित कर दिया है। स्कूल (Maharashtra) में पकोड़े और चाय बेचने का काम करने वाले अल्ताफ अब आईपीएस (IPS) बन गए हैं।

 

ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) का सामना करने के लिए मदद करने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) और सुनेत्रा पवार (Sunetra Pawar) की पहल पर बारामती में राष्ट्रवादी कैरियर अकादमी (Nationalist Career Academy) की शुरुआत की गई थी। अजित पवार के निजी सहायक सुनील कुमार मुसले (Sunil Kumar Musale) ने भी इस अकादमी की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया। इसी अकादमी से शिक्षित अल्ताफ शेख आज आईपीएस बन गए। इस खुशखबरी के बारे में पता चलने के बाद काटेवाड़ी और राष्ट्रवादी करियर अकादमी में खुशी का माहौल है।

 

अल्ताफ शेख की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। वह इससे पहले केंद्रीय लोक सेवा आयोग (Central Public Service Commission) की परीक्षा में बैठने के दौरान सहायक कमांडेंट बने थे। अल्ताफ इस्लामपुर के नवोदय विद्यालय (Navodaya Vidyalaya) के छात्र हैं। बाद में उन्होंने फूड टेक्नोलॉजी (Food Technology,) में बी.टेक किया। वह 2013 से बारामती में रह रहे हैं। वह इस समय उस्मानाबाद (Osmanabad) में इंटेलिजेंस ऑफिसर (Intelligence Officer) के पद पर कार्यरत हैं।

 

ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद करने के उद्देश्य से सुनेत्रा पवार की पहल पर 2012 में राष्ट्रवादी कैरियर अकादमी की स्थापना की गई थी। इस अकादमी से अब तक 47 राजपत्रित अधिकारी बन चुके हैं और बड़ी संख्या में युवक-युवतियां सरकारी नौकरियों में गए हैं।

 

पवार परिवार का योगदान….

 

उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सुनेत्रा पवार ने पुणे (Pune) के बारामती छात्रावास में रहने और खाने की व्यवस्था की। उसके बाद चचेरे भाइयों ने भी कर्ज लिया और शिक्षा में योगदान दिया। राष्ट्रवादी करियर अकादमी के माध्यम से सुनेत्रा पवार का समर्थन मिला, सुनील कुमार मुसले और समीर मुलानी ने भी बहुत मदद की और आज मैं आईपीएस बन पाया। इन शब्दों से अल्ताफ शेख (Altaf Sheikh) ने आभार व्यक्त किया।

 

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