मुंबई, 29 मई : राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब और कुछ परिवहन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार लगाने वाले परिवहन विभाग के एक निलंबित अधिकारी ने नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में पुलिस कमिश्नर दीपक पांडेय ने डीसीपी (क्राइम ब्रांच ) को पुरे मामले की जांच के आदेश दिए है।
नाशिक में मोटर वाहन इंस्पेक्टर रहे गजेंद्र तानाजी पाटिल ने 16 मई को पंचवटी पुलिस स्टेशन में यह शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस कमिश्नर पांडेय ने पांच दिनों में मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश 27 मई को दिया। पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि शिकायतकर्ता पाटिल जांच में सहयोग नहीं कर रहे है उसके बावजूद शिकायतकर्ता दवारा कई गंभीर आरोप लगाए गए है। ऐसे में शिकायत की उपेक्षा करना उचित नहीं है। उन्होंने पुलिस महासंचालक के 2014 के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि गजेंद्र पाटिल की शिकायत तीन महीने पहले के मामले की है। केस दर्ज किये बिना मामले की जांच की जाएगी।
इस शिकायत को लेकर पंचवटी पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर ने पुलिस आयुक्त को 24 मई को जानकारी दी थी। शिकायत का स्वरुप राज्य स्तरीय है और इसमें परिवहन मंत्री व कुछ अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाया गया है। इसलिए हमने पुलिस कमिश्नर को इसकी जानकारी दी है। यह जानकारी पंचवटी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने दी है।
शिकायत में क्या है?
उपपरिवहन अधिकारी बजरंग खरमाटे परिवहन विभाग की राज्यभर में ट्रांसफर को कैसे मैनेज है. इसके लिए किस तरह से पैसों का लेनदेन हुआ है इसकी विस्तृत जानकारी शिकायत में दी गई है। शिकायत में कहा गया है कि परिवहन मंत्री अनिल परब उन्हें सुरक्षा देते है। खरमाटे ने बताया है कि किस अधिकारी दवारा कितनी रकम ट्रांसफर/प्रमोशन के लिए ली गई है। उपसचिव प्रकाश साबले पर भी आरोप है।
इस मामले अनिल परब ने कहा कि फ़िलहाल राज्य में शिकायत करो और सीबीआई जांच की मांग करने का राजनीतिक ट्रेंड चल रहा है। विभाग के आयुक्त, अधिकारियों पर आरोप लगाने वाले पाटिल निलंबित अधिकारी है। उनके विभाग में जो लड़ाई है उसके तहत उन्होंने मेरा संदर्भ दिया है। एक गुमनाम पत्र की जांच करने की उनकी मांग है। पुलिस जांच से पहले वह कोर्ट चले गए। इस अधिकारी को मैंने देखा नहीं है। उनके दवारा लगाए गए आरोपों की जानकारी नहीं है।