पुणे, 12 जून : राज्य परिवहन महामंडल के यात्रा सेवा से करीब 6 हज़ार गाड़ियां बाहर होगी। एसटी प्रशासन किराये पर 500 गाड़ियां लेगी बावजूद यह संख्या कम होगी। इसका असर हर दिन की यात्रा करने वाले करीब 10 से 15 लाख यात्रियों पर होगा।
महामंडल के काफिले में 18 हज़ार बसें है। इससे हर दिन करीब 60 लाख यात्री सफर करते है। अवधि खत्म होने की वजह से 3 हज़ार बसों को सीधे रिटायर करना होगा। जबकि 2 हज़ार बसें मनाल ढुलाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। एक हज़ार बसें तकनीकी वजहों से डिपो और वर्कशॉप में रहेगी। इन बसों के सेवा में नहीं होने से हर दिन 10 से 15 हज़ार यात्रियों को दिक्कत होगी।
एसटी का कुल घाटा 9 हज़ार करोड़ होने से नई बसों के लिए पैसे नहीं है। एसटी खुद अपना पेट्रोल पंप शुरू करेगी। किराये पर ली जाने वाली बसों के लिए इस पेट्रोल पंप से ईंधन लेना अनिवार्य होगा। फ़िलहाल बसों को प्रति किलोमीटर पर 44 रुपए का खर्च आता है। किराये पर ली जाने वाली बसों को प्रति किलोमीटर 25 से 30 रुपए खर्च करना होगा। इससे प्रति किलोमीटर 14 रुपए की बचत होगी। ऐसे में ज्यादा कमाई देने वाले प्रमुख मार्गों में यह बसें चलेगी।
जिन बसों की अवधि खत्म हो गई है ऐसे बसों की यात्री सेवा समाप्त होगी। लेकिन हम चरणों में इस पर अमल करेंगे। यात्रियों को दिक्कत नहीं होने देंगे।
– डॉ. शेखर चन्ने, मैनेजिंग डायरेक्टर और उपाध्यक्ष