भोपाल, 27 नवंबर पुरे महीने बिना छुट्टी के लगातार काम करने के बदले प्रोत्साहन के रूप में अगर 18 रुपए मिलता है तो इससे कैसे प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन यह व्यवस्था मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में है। महंगाई के इस दौर में ड्रेस की धुलाई करने के लिए पुलिस कर्मचारियों को महीने में 60 रुपए दिए जाते है। कई वर्षो से चल रहे इस भत्ते की रकम इतनी कम है कि इसकी चर्चा करना पुलिसकर्मियों को हास्यास्पद लगता है। समय के साथ भत्ते की रकम को लेकर पुलिस विभाग की तरफ से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है जो राज्य सरकार के स्तर पर विचाराधीन है।
इस विशेष भत्ते में 1979 से कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। यह भत्ता कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक को दिया जाता है। ड्रेस की धुलाई के लिए सिपाही से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तक को 60 रुपए ही दिए जाते है। इसमें आखिरी बार 2003 में बढ़ाया गया था. इसके अलावा ड्रेस खरीदने के लिए विभाग अपने कर्मचारियों को रकम देती है। इसके लिए हर साल तीन हज़ार रुपए दिए जाते है। जो कम पड़ता है। इससे पहले विभाग ड्रेस खरीदकर देते थे।
पौष्टिक आहार के लिए मिलता है 650 रुपए
पुलिस कर्मचारियों को अपना हेल्थ अच्छा रखने के लिए विभाग पौष्टिक आहार के लिए भी भत्ता देती है। इसमें सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को हर 650 रुपए दिया जाता है। इतने कम पैसे में महीने भर तक पौष्टिक आहार से कर्मचारी कितना निरोगी रहेंगे ? यह सवाल खड़ा होता है। यह भत्ता आखिरी बार 2015 में बढ़ाया गया. पहले 350 रुपए ही मिलता था।
घर किराये के लिए फ़िलहाल मूल वेतन का 10% रकम कर्मचारियों को दिया जाता है। यानी अगर कर्मचारी का मूल वेतन 20 हज़ार रुपए है तो भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहर में उन्हें दो हज़ार का घर ढूंढना पड़ता है। यह बहुत मुश्किल है। पुलिस विभाग में पहले मशीन की देखरेख और साइकल भत्ता भी मिलता था जिसे बंद कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पौष्टिक आहार के साथ कुछ भत्ते में बढ़ोतरी का प्रस्ताव विभाग की तरफ से भेजा गया है। उन पर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है।