Lucknow COVID-19 News | लखनऊ में कोविड के कारण 346 अनाथ बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा और स्कूल में रहेंगे

लखनऊ (Lucknow News), 21 जुलाई । सिटी इंटरनेशनल स्कूल (City International School) और एक एनजीओ (NGO), देवी संस्थान ने लखनऊ (Lucknow COVID-19 News) के उन 346 बच्चों को मुफ्त शिक्षा (free education) देने के लिए कदम बढ़ाया है, जिन्होंने महामारी के दौरान अपने माता-पिता में से एक या दोनों को खो दिया है।

 

स्कूल (School) और एनजीओ (NGO) की संस्थापक सुनीता गांधी (Sunita Gandhi) ने कोविड (Covid) के कारण अनाथों को शिक्षित करने के प्रस्ताव के साथ यूपी महिला एवं बाल कल्याण निदेशालय (Directorate of Child Welfare) से संपर्क किया था। उन्हें 346 बच्चों की सूची भेजी गई थी, जिन्होंने या तो एक कमाने वाले माता-पिता या माता-पिता दोनों को खो दिया है, या उनके यूपी मुख्यमंत्री बाल विकास योजना के तहत तय की गई प्रति वर्ष 3 लाख से कम की आय है।

गांधी ने कहा कि बच्चे न केवल पढ़ेंगे बल्कि उस स्कूल की देखरेख में भी रहेंगे जहां उन्होंने इन बच्चों के लिए आवासीय खंड स्थापित किया है। ये वे बच्चे हैं जिन्हें अन्यथा राजकीय बाल गृह (Government Children’s Home) में रखा जाता।

सुनीता गांधी (Sunita Gandhi) ने कहा, इतने सारे सपने टूट गए हैं। हम नुकसान की भरपाई नहीं सकते। हम केवल उन्हें एक प्यार और पोषण का माहौल दे सकते हैं जिसमें वे अपने जीवन को फिर से बना सकते हैं, प्यारी नई यादें बना सकते हैं, और उन्हें एक आकांक्षी वातावरण देकर पनप सकते हैं।

गांधी ने कहा, जब हमने इन बच्चों से मिलना शुरू किया, तो हम बहुत प्रभावित हुए। हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) द्वारा उठाया गया एक कदम मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (Chief Minister Child Service Scheme) का समर्थन करने का फैसला किया है, जिसमें इन बच्चों की शिक्षा के साथ ही समर्थन करने का संकल्प लिया है। योगी आदित्यनाथ ने लैपटॉप और 4,000 रुपये प्रति माह देने को कहा है जब तक कि वे 18 साल के नहीं हो जाते है।

महिला और बाल कल्याण, यूपी के निदेशक मनोज राय (Manoj Rai) ने इस पहल की सराहना की और कहा, इन बच्चों को मुफ्त में शिक्षित करने के लिए स्वेच्छा से सुनीता गांधी का हमारा विभाग बहुत आभारी है। इन सभी बच्चों को बहुत फायदा होगा।

उन्होंने कहा, मैं यूपी के अन्य शैक्षणिक संस्थानों (educational institution) से आगे आने की अपील करता हूं, जैसा कि डॉ गांधी ने किया और उन बच्चों को शिक्षित करने के लिए जो कोविड के कारण अनाथ हो गए हैं।

यह इन बच्चों के उज्‍जवल भविष्य को सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। मुझे यकीन है कि इतना ही नहीं बच्चे उनकी देखरेख में सुरक्षित हाथों में हैं, लेकिन उन्हें बहुत जरूरी देखभाल और एक प्यार भरा माहौल भी मिलने वाला है जिसमें वे पनप सकें।

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