लव जिहाद… मध्यप्रदेश कैबिनेट ने दी कानून को मंजूरी, अब धर्म परिवर्तन के मामलों में  10 साल तक जेल

भोपाल. ऑनलाइन टीम : लव जिहाद हमारे राष्ट्रीय विमर्श में तेजी से अपनी जगह बनाता जा रहा है। इसका कारण तथाकथित लव जिहाद को लेकर रह-रहकर होने वाली घटनाएं हैं। पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम मजदूर मोहम्मद अफरजुल की राजस्थान में हुई खौफनाक हत्या ने ‘लव जिहाद को व्यापक स्तर पर चर्चा में लाने का काम किया। राजस्थान के राजसमंद जिले में शंभूलाल रैगर ने न केवल अफरजुल की हत्या की, बल्कि उसके शरीर को आग की भेंट भी चढ़ा दिया, क्योंकि उसकी नजर में अफरजुल ‘लव जिहाद में लगा था। केरल की लड़की हदिया के मामले को भी लव जिहाद की मिसाल बताया जाता है, जहां उसे मुस्लिम युवक से शादी के लिए धर्मांतरण करना पड़ा। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।

देखा जाए तो हाथरस हो या होशियारपुर, बाराबंकी हो या हरियाणा का बल्लभगढ़, सभी जगह महिलाओं के साथ अत्याचार हुए हैं। शिक्षित महिलाएं भी दुष्टों के छल को ध्वस्त नहीं कर पा रहीं। आपराधिक तत्वों ने सड़क पर कार खड़ी कर बिना किसी बाधा के छात्रा का कालेज से निकलने का बाकायदा इंतजार किया और लोगों की आवाजाही के बीच उसका अपहरण करने की कोशिश की। जब लड़की ने विरोध जताया तो उसने वहां मौजूद लोगों के सामने गोली मारकर हत्या कर दी।

इसके बाद कई राज्यों ने इसके प्रति गंभीरता बरती। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बाद अब मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल के ड्राफ्ट को लेकर प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। शनिवार सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, 2020 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी।

दरअसल, प्रेम एक अनूठी और पवित्र अनुभूति है। जब हम किसी को प्रेम करते हैं तो एक इंसान के तौर पर यह हमारा दर्जा बढ़ा देता है। यह हमारे जीवन को सार्थक बनाता है। यदि आप विवाह के लिए इस्लाम या किसी अन्य धर्म को अपनाते हैं तो यह प्रेम नहीं, बल्कि आपकी आत्मा को उस धर्म का दास बनाने जैसा है। यह गलत है।

गृह मंत्री ने बताया कि  कानून में बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के मामलों में 1-5 साल तक के कारावास और कम से कम 25 हूजार रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। महिला, नाबालिग और एससी-एसटी के धर्म परिवर्तन के मामलों में दोषियों को 2 से 10 साल तक की जेल के अलावा 50 हजार रुपए का जुर्माने दोषियों को देना होगा। कानून के तहत अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए संबंधित जिले के कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के पास आवेदन देना अनिवार्य होगा। बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।