पुणे में लॉकडाउन? उप मुख्यमंत्री अजित पवार का बड़ा बयान

देश में कोरोना का संकट गहराता जा रहा है, इसमे महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। देश में सबसे अधिक कोरोना मरीज वाले 10 जिलों में से नौ महाराष्ट्र में हैं। इसमें पुणे भी शामिल है। कई शहरों ने लॉकडाउन का विकल्प चुना है क्योंकि मरीजो की संख्या बढ़ रही है। इस बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे की स्थिति के बारे में जानकारी दी और लॉकडाउन पर भी टिप्पणी की। वह मुंबई में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

पवार ने कहा कि बड़े पैमाने पर कोरोना मरीजो की संख्या बढ़ रही है। मुख्यमंत्री सहित हर कोई अपील कर रहा है। कुछ शहरों में प्रमाण बढ़ गया है। पालक मंत्री होने के नाते कल जन प्रतिनिधियों को पुणे में बुलाया गया है, हर शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाती है। इस बैठक में हम निर्णय लेते हैं। लॉकडाउन के बारे में मतभेद है, लेकिन एक आम सहमति है कि नियमों का पालन किया जाना चाहिए।

“इसलिए पार्टी की राजनीति को बीच में न लाते हुए  हमें इस सोच के साथ कोरोना से लड़ना होगा कि यह हम सभी का संकट है। 45 वर्ष की आयु से अधिक वाले लोगो को टीका लगाने के हमारे अनुरोध को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद। लेकिन अब 45 से कम उम्र के लोगों को कोरोना हो रहा है। देवगिरी जहाँ मैं रहता हूँ वहाँ कई कर्मचारी रहते हैं। कल सभी की जांच की गई तो नौ लोग पॉजिटिव निकले। हमे कोरोना से लड़ना होगा। सरकार इसके लिए हरसंभव कोशिश करते हुए वित्तीय सहायता को कम नहीं पड़ने देने की भूमिका में है।

अजित पवार ने अन्य मुद्दों पर भी टिप्पणी की। जिन अधिकारियों की बदली हुई है वो किसी के कहने पर नहीं हुई है। उसके लिए एक कमेटी बनी है। नवाब मलिक ने इस संबंध में जानकारी दी है। जिन चार या पांच अधिकारियों के नाम हैं उनकी बदली नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मुख्य सचिव को निर्देश दिए है। उन्हें रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है और रिपोर्ट दोपहर तक आ जाएगी। इससे कई चीजों के स्पष्ट होने की संभावना है।

पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से समय मांगा था। तीनों दलों के नेताओं को राज्यपालों से मिलना था और उन्हें वर्तमान स्थिति और कामकाज की परिस्थितियों के बारे में जानकारी देनी थी। लेकिन उनके बाहर होने के कारण बैठक नहीं हो पायी।

परमबीर सिंह के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला दिया है और साथ ही उच्च न्यायालय में भी तारीख है। मुख्यमंत्री राज्य के मुखिया होने के नाते, उन्होंने सभी की राय जानी। कैबिनेट सहयोगियों की भूमिका भी जानी गई है। सबने यह भरोसा दिलाया है कि वे उद्धव ठाकरे के साथ हैं। पूछताछ में कोई भेदभाव करने की जरूरत नहीं है। एटीएस ने भी अच्छी जांच की थी। जो सच है वह राज्य के लोगों के सामने आएगा। अगर किसी और से पूछताछ की जरूरत होती है, तो राज्य सरकार और राज्य के प्रमुख कदम उठाएंगे। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई तथ्य नहीं है।

पुलिस बल के कुछ सदस्यों के शामिल होने की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री और सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। महाविकास आघाडी सरकार किसी को बचाने की कोशिश नहीं करेगी,  मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो लोग दोषी हैं,  उनके खिलाफ 100 % कार्रवाई की जाएगी।

कहा जा रहा है कि ट्रांसफर का एक रैकेट है और इसमें किसके नाम का उल्लेख है? उनकी विश्वसनीयता क्या है?  जो सूची दी गई है उनकी बदली हुई क्या? क्या मैं आपको दस्तावेज दिखाऊं? मैं आज प्रशासन में काम नहीं कर रहा हूं,  मैं पिछले 30 वर्षो से काम कर रहा हूं। यदि कानून व्यवस्था और पुलिस की छवि को धूमिल करने के लिए काम कर रही है, तो उनकी मदद करने का कोई कारण ही नहीं है, अजीत पवार ने ऐसी चेतावनी दी।

शरद पवार के यूपीए के नेतृत्व पर संजय राउत के बयान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कभी केंद्र से संबंधित सवालों का जवाब नहीं दिया। मैं राज्य सरकार और महाराष्ट्र में काम करने वाला कार्यकर्ता हूं। मैं राज्य से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दे सकता हूं। जब इस तरह के सवाल उठते हैं,  तो हमारे सर्वोच्च नेता शरद पवार,  प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले पार्टी की भूमिका की व्याख्या कर रहे हैं। इसलिए अगर आपके कोई दोस्त दिल्ली में हैं,  तो उन्हें फोन करके जवाब देने के लिए कहें।