लिव्हर ट्रांसप्लांट कर मरीज को मिली नई जिंदगी

पिंपरी | समाचार ऑनलाइन 

डी वाय पाटिल अस्पताल के डॉक्टर बने भगवान का रूप

एक ब्रेन डेड व्यक्ति का लिव्हर ट्रांसप्लांट कर दूसरे मरीज को नई जिंदगी मिली | एक ब्रेनडेड शख्स ने दो लोगों को जीवनदान दिया है। कोल्हापुर के एक शख्स की मौत के बाद उसके शरीर दो हिस्से ट्रांसप्लांट कर दो लोगो को नया जीवन मिल रहा है। और इस ट्रांसप्लांट के लिए डॉक्टरों की कड़ी मेहनत भी रंग लायी है। पिंपरी चिंचवड़ परिसर के डी वाय पाटिल अस्पताल में कोल्हापुर से एक ब्रेनडेड शख्स का लिव्हर लाया गया, और मौत से जूझ रहे व्यक्ति को ट्रांसप्लांट कर नया जीवन दिया गया।

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अवयव दान श्रेष्ठ दान कहा जाता है।
पिंपरी के डी वाय पाटिल अस्पताल में अशोक नन्ना  नामक शख्स को लिव्हर की जरूरत थी। अशोक नन्ना पर काफी दिनों से इलाज चल रहा था। लिव्हर की मांग को लेकर अशोक नन्ना के परिजनों ने वैद्यकीय विभाग से मदत मांगी थी | बहुत कोशिश करने के बाद महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक शख्स का लिव्हर मिल पाया। और जैसे तैसे उस लिव्हर को कोल्हापुर से पुणे महज तीन घंटो में लाया गया। रविवार की रात से अशोक नन्ना पर लिव्हर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी। इस ट्रांसप्लांट के लिए डॉ. भाग्यश्री पाटिल और डॉ. यशराज पाटिल ने कड़ी मेहनत ली है।
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तीन घंटो में लाया गया लिव्हर 
कोल्हापुर से पुणे लगभग 250 किलोमीटर का अंतर है। आमतौर पर इस रास्ते पर सफर करने में 5 से 6 घंटे लग जाते है। लेकिन लिव्हर ट्रांसप्लांट के लिए महज तीन घंटो में यह लिव्हर कोल्हापुर से पिंपरी चिंचवड़ लाया गया। इसके लिए कोल्हापुर से पुणे तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था, ताकि लिव्हर को जल्द-जल्द  लाया जा सके।

पिंपरी चिंचवड में रहने वाले अशोक नन्ना खुद को खुशकिस्मत मानते हैं। क्योंकि जिस अस्पताल में वह अपना इलाज़ करा रहे थे, वहीं उन्हें नया जीवनदान एक ऐसे मरीज की बदौलत मिला जिसकी दिल की धड़कनें थम गई थी। अशोक नन्ना को लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी, जिसके चलते एक शख्स की लिव्हर की वजह से अशोक नन्ना को लिव्हर ट्रांसप्लांट किया गया।