8 साल पहले हुए सिस्टर अभया मर्डर केस में दोषियों को आजीवन कारावास

तिरुअनंतपुरम. ऑनलाइन टीम : केरल में तिरुअनंतपुरम की सीबीआई अदालत ने 21 वर्षीय सिस्टर अभया की हत्या के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 28 साल बाद एक कैथोलिक पादरी और एक नन को मंगलवार को दोषी पाया था।

आज से ठीक 28 साल पहले 1992 की अलसुबह  करीब साढ़े तीन बज रहे थे। 21 साल की सिस्टर अभया का गला सूख रहा था। वह पानी पीने के लिए उठीं और किचन की तरफ चल दीं। किचन के पास कोने में रखे फ्रिज से उन्होंने पानी निकालकर पिया। पानी पीने के बाद जैसे ही सिस्टर अभया लौट रही थी कि उन्होंने कुछ आवाजें सुनी। यह आवाज किचन के अंदर से आ रही थी। अंदर झांककर देखा तो उन्हें अपनी आंखों पर एकबारगी यकीन नहीं हुआ। फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी आपत्तिजनक अवस्था में थे। फादर ने भी अभया को देख लिया। इससे पहले की सिस्टर अभया भाग पातीं फादर कोट्टूर और सिस्टर सोफी ने उन्हें पकड़ लिया और उसका मुंह दबा दिया, क्योंकि वह चीखने की कोशिश कर रही थीं। सिस्टर सोफी किचन से एक कुल्हाड़ी ले आई और उससे अभया से सिर पर हमला किया। हमले के बाद अभया जमीन पर गिर गईं और बेजान हो गईं। बेजान पड़े सिस्टर अभया के शव को फादर कोट्टूर और सिस्टर सोफी ने घसीटते हुए पास के कुएं में डाल दिया। अभया की एक चप्पल और पानी का बोतल किचन के दरवाजे पर पड़ा था, जिसे बाद में आरोपियों ने नष्ट कर दिया था।

पहले स्थानीय पुलिस और फिर अपराध शाखा ने मामले की जांच की और कहा कि यह खुदकुशी का मामला है। सीबीआई ने 2008 में मामले की जांच अपने हाथ में ली। इस मामले में सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त को शुरू हुई और कई गवाह मुकर गए। 1992 में हुई इस हत्या की जांच करने वाले सीबीआई के डीएसपी वर्गीज पी थामस ने सबसे पहले इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि यह हत्या है।  पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए जी जान लगाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता जोमन पुथेनपूराक्कल ने कहा कि जब इस केस को बंद करने की कोशिश हो रही थी तो भगवान के हाथों ने इसमें न्याय दिलाने में मदद की।

अदालत के इस फैसले में एक चोर अदक्का राजू की गवाही अहम रही। घटना की रात राजू चोरी करने के लिए कान्वेंट गया था। उसने अदालत को बताया कि उसने पादरी और नन को देर रात में कान्वेंट में देखा था। इस मामले के कई गवाह मुकर गए। लेकिन, राजू पूरी सुनवाई के दौरान अपने बयान पर कायम रहा। अदालत का फैसला आने के बाद उसने कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं, क्योंकि मेरे बच्चे को इंसाफ मिल गया है। मंगलवार को अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या और सुबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप साबित होते हैं। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। अभया के भाई ने फैसले पर खुशी जताई है।