कानूनी अधिकार : वो 17 कानूनी अधिकार, जो हर भारतीय को होने चाहिए पता

पुणे : समाचार ऑनलाइन – भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जहां हर किसी को अपने लिए कुछ न कुछ अधिकार है। हालांकि हम में से कई लोग अपने इस अधिकार को नहीं जानते है। जिसकी वजह से हम बेवजह बहुत सारी चीज़ों पर परेशान रहते है। सबके पास कई तरह के कानूनी अधिकार होते है। जिसका अगर हम सही से इस्तेमाल करें तो  बेवजह हमे कोई परेशान नहीं कर सकता है।

वो कानूनी अधिकार, जो हर भारतीय को होने चाहिए पता –

1. भारतीय सरिउस अधिनियम 1887 के तहत भारत के प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह है भारत के किसी भी होटल में चाहे वह फाइव स्टार ही क्यों ना हो, फ्री में पानी पी सकता है और वाशरूम का इस्तेमाल कर सकता है। यदि कोई भी होटल मालिक आपको ऐसा करने से रोकता है तो आप उसके खिलाफ लीगल एक्शन ले सकते हैं।

2. भारतीय दंड संहिता व्यभिचार धारा 498 के तहत कोई भी शादीशुदा व्यक्ति किसी अविवाहित लड़कि या विधवा महिला से उसकी सहमति से शारीरिक संबंध बनाता है तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।

3. अगर आपके घर में एलपीजी गैस का कनेक्शन है तो आपको बीमा के रूप में 40 लाख रुपए का इंश्योरेंस स्वतः मिलता है। भगवान न करें अगर आपके घर में गैस ब्लास्ट होता है तो आपको 40 लाख रुपए तक का मुआवजा मिल सकता है।

4. पुलिस एक्ट 1861 के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी हमेशा ड्यूटी पर रहता है चाहे उसने यूनिफार्म पहनी हो या नहीं | यदि कोई व्यक्ति उस अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह यह नहीं कह सकता कि वह ड्यूटी पर नहीं है और उसकी मदद नहीं कर सकता। क्योंकि वह हमेशा ड्यूटी पर रहता है|

5. मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के तहत कोई भी कंपनी किसी भी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती। यदि कोई कंपनी ऐसा करती है तो उसे अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है।

6. किसी कंपनी द्वारा दिए गए तोहफे को अगर आप स्वीकार करते है तो आप पर कोई भी व्यक्ति रिश्वत लेने का मुकदमा चला सकता है।

7. एक महिला को केवल और केवल महिला पुलिस ही गिरफ्तार कर सकती है। इसके अलावा अगर किसी महिला को रात 6 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कभी भी पुलिस स्टेशन आने को कहा जाये तो वह इस दौरान माना कर सकती है, इसका अधिकार उनके पास रहता है।

8. टेक्स्ट उल्लंघन के मामले में कर वसूल अधिकारी को आयकर अधिनियम 1961 के तहत आपको गिरफ्तार करने का अधिकार है। लेकिन, गिरफ्तार करने से पहले उसे आप को नोटिस भेजना पड़ेगा| केवल टैक्स कमिश्नर यह फैसला करता है कि आप को कितनी देर तक हिरासत में रखना है।

9. भारतीय दंड संहिता, 166A के तहत पुलिस ऑफिसर FIR लिखने से मना नहीं कर सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उन्हें 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल हो सकती है।

10. ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के दौरान कोई ट्रैफिक पुलिस द्वारा गाड़ी या मोटरसाइकिल की चाबी निकालना बिल्कुल ही गैर कानूनी है। इसके लिए आप चाहे तो उस कॉन्स्टेबल या अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करवा सकते हैं।

11.  यदि आपका चालान बिना हेलमेट या किसी अन्य कारण से काट दिया जाता है तो मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2016 के तहत फिर दोबारा उसी अपराध के लिए उसी दिन आपका चालान नहीं काटा जा सकता।

12. साइकिल चलने वालों पर कोई मोटर व्हीकल एक्ट नहीं लागु होता तो इस कारण मोटर व्हीकल एक्ट का चिंता छोड़ दे। साइकिल और रिक्शा इसके अधीन नहीं आते है।

13. राजनीतिक दल के पास आपके वाहन को किराये पर लेने का अधिकार है।

14. अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम 2014 के तहत कोई भी दुकानदार किसी उत्पाद के लिए उस पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रुपए नहीं मांग सकता।

15. यदि आप कहीं पर जॉब करते हैं और आपका मालिक या ऑफिस आपको सैलरी नहीं देता है तो परिसीमा अधिनियम 1963 के तहत आप उसके खिलाफ 3 साल के अंदर कभी भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। लेकिन, यदि आप 3 साल के बाद रिपोर्ट दर्ज कराते हैं तो आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा।

16. सार्वजनिक जगहों पर गंदी गतिविधि करते हुए पकड़े जाते हैं तो आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के तहत 3 महीने तक की कैद भी हो सकती है।

17. दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958 धारा 14 के तहत यदि आप दिल्ली में रह रहे हैं तो आपका मकान मालिक आपको बिना नोटिस दिए जबरन मकान खाली नहीं करवा सकता।