ऑक्सीजन की कमी… कर्नाटक में छटपटा कर मर गए 22 मरीज

ऑनलाइन टीम. बेंगलुरु : कोरोना का नया स्ट्रेन फेफड़ों पर सीधा हमला कर रहा है और मरीज को ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो जा रहा है। मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि से परेशान सरकारी अमले के पास ऑक्सीजन का उतना स्टॉक नहीं, जितना जरूरी है। इस कारण ऑक्सीजन की कमी का हाहाकार मचा हुआ है। सोमवार को कर्नाटक के चमराजानगर जिले के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना वायरस के कम से कम 22 मरीजों की मौत हो गई है। यह हादसा जिले के एक सरकारी अस्पताल में हुआ है।

सूत्र ने बताया, ‘ऑक्सीजन की कमी थी और पड़ोस के मैसूर जिले से आने वाली ऑक्सीजन भी समय पर नहीं पहुंची।’ बता दें कि  राज्य में अब तक कोरोना की वजह से 16 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने के बाद मंगलवार को कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। इस बीच, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर हालात का जायजा लेने चमराजानगर रवाना हो गए हैं। चमराजानगर जिला बेंगलुरु से करीब 175 किलोमीटर दूर है।

इसलिए मामला हो रहा है गंभीर :

बता दें कि शरीर में खून में मौजूद हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन का वाहक होता है। ये पूरे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है। ऑक्सीजन की कमी के कारण थकान महसूस होती है व सांस फूलने लगती है। ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ा जाता है। यहीं नहीं ऑक्सीजन की कमी से ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

मधुमेह रोगियों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रक्त में शुगर अचानक बढ़ जाता है जो जानलेवा होता है। ऑक्सीजन की कमी से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ जाता है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक एक स्वस्थ्य व सामान्य इंसान में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 95 से 100 प्रतिशत के बीच होना चाहिए।