महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कोरोना योद्धा को कोल्हापुरकर का सलाम, जगह-जगह लगाए सराहना वाले बैनर, पालकमंत्री की पहल

कोल्हापुर : ऑनलाइन टीम- कोरोना के संकट से जूझते हुए जिले में कई लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। संकट की घड़ी में लड़ने की ताकत दे रहे हैं। पर्दे के पीछे काम करने वाले कई वास्तविक नायकों की सराहना के लिए कोल्हापुरियों ने बधाई देनेवाले फ्लेक्स लागाए हैं। पालक मंत्री सतेज पाटिल की पहल से ये हर चौक चौराहे पर ये बोर्ड लगाए गए हैं। इससे इन वीरों को लड़ने की ताकत मिलेगी।

कोल्हापुरकर पिछले एक 15 महीने से जिले में कोरोना संकट से जूझ रहे हैं। अन्य जिलों में जहां संकट कम हो रहा है, वहीं इस जिले में कहर अब भी कायम है, लेकिन ऐसे संकट की घड़ी में जो मदद के हाथ आगे आ रहे हैं वो काबिले तारीफ है। चाहे वो व्हाइट आर्मी हो, विजन चैरिटेबल ट्रस्ट हो या फिर ज़रूरतमंदों को खाना मुहैया कराने वाले संकटमोचक्। कोरोना में शववाहिका चलाने वाली प्रियंका पाटिल हों या फिर पॉकेट मनी से मरीजों के परिजनों को नाश्ता देने वाली युवती।

अशोक रोकाडे, अर्पिता राउत, श्रेया चौगले, श्रुति चौगले, अचल काट्यारे, ऐश्वर्या मुनीश्वर, संभाजी सालुंखे, अवधूत भाट्ये, डॉ. संगीता निंबालकर, संताजी घोरपड़े, मिलिंद धोंड जैसे कई नाम लिए जा सकते हैं। नाम के लिए नहीं बल्कि सेवा के इस उद्देश्य को आंखों के सामने रखकर काम करनेवालो की संख्या बहुत बड़ी है। विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों का यह कार्य दूसरों एक लिए आदर्श बन रहा है। एक-दूसरे की मदद के लिए दौड़ पड़े कोल्हापुरियों के रवैये को सलाम करने के लिए ‘सलाम कोल्हापुरकर’ पहल चलाई जा रही है।

डॉक्टर, पुलिस, नर्स, फ्रंटलाइन वर्कर, प्रशासन इन संकटों का सामना कर रहे हैं। उनके साथ आम नागरिकों, स्वयं सेवी संस्था, सभी पार्टी के कार्यकर्ता, युवा पीढ़ी अपने जीवन की परवाह किए बिना संकट का सामना करने में मदद कर रहे हैं। पर्दे के पीछे के संकट के असली नायक यही हैं। इसलिए पालक मंत्री सतेज पाटिल ने इन हीरो को सम्मानित करने की पहल की। इसके लिए सराहना का पोस्टर बनाया गया। ये बोर्ड शहर समेत जिले के चौराहों पर लगाए गए हैं। अभी और बोर्ड लगाए जाएंगे। पालक मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे इसका अनुकरण करें और बधाई फ्लेक्स लगाएं।

 

इसी का नतीजा है कि मानवता को अपना धर्म मानने वाले कोल्हापुर के लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। यह उनकी तारीफ करने का एक अलग तरीका है। स्वागत समारोह से परे लागू की जा रही इस पहल में अगर कोल्हापुर के लोग हिस्सा लेते हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि कोल्हापुर के चौराहे पर बधाई और प्रशंसा बोर्ड लगे होंगे|

 

कोरोना के इस संकट में कई लोग पर्दे के पीछे रह कर मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। कुछ दूसरों की सेवा के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। सराहना करने के लिए कृतज्ञता के चार शब्द निश्चित रूप से शक्ति प्रदान करनेवाले हैं। इसलिए यह पहल की जा रही है। – सतेज पाटिल, पालक मंत्री