कोल्हापुर के ब्रेन डेड मरीज की वजह से पुणे के मरीज को मिला जीवनदान

पुणे : पुणे समाचार

कोल्हापुर से ग्रीन कॉरिडोर द्वारा लाए गए लीवर की वजह से पुणे के एक मरीज को जीवनदान मिला है। ट्रान्सप्लांट के लिए यह लीवर ज्युपीटर हॉस्पिटल में शनिवार की रात 8 बजे के करीब लाया गया। ग्रीन कॉरिडोर द्वारा यह लीवर कोल्हापुर से पुणे में सिर्फ 3 घंटे में लाया गया था।

कोल्हापुर में एक 33 वर्षीय व्यक्ति का 30 अप्रैल को एक सड़क दुर्घटना की चपेट में आ गया था। हॉस्पिटल में एडमिट करने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को ब्रेन डेड घोषित किया था। उसके बाद एस्टर आधार हॉस्पिटल, कोल्हापुर के मेडीकल टीम ने ब्रेन डेड मरीज के रिश्तेदारों को अवयवदान के बारे में समुपदेशन किया था। उसके बाद मरीजों के रिश्तेदारों ने अवयवदान का निर्णय लिया था।

पुणे के ज्युपिटर हॉस्पिटल में 60 साल के मरीज को लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। इस ग्रीन कॉरिडोर में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हुई। कोल्हापुर के पुलिस महानिरिक्षक विश्वास नागरे पाटिल और पुणे के पुलिस उपायुक्त अशोक मोराले  के सहयोग से ग्रीन कॉरिडोर द्वारा कोल्हापुर से पुणे तक लीवर को 3 घंटे में लाया गया। इस संबंध में ज्युपिटर हॉस्पिटल ने पुलिस का अभिनंदन किया है।

ज्युपिटर हॉस्पिटल के लीवर विशेषज्ञ डॉ. शरण नरुटे ने कहा कि ब्रेन डेड हुए मरीजों के रिश्तेदारों ने मरीज का लीवन दान करने का निर्णय लिया, जो तारीफ के काबिल है। अवयव दान द्वारा एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को नया जीवन दे सकता है। एक व्यक्ति के अवयव दान से 9 लोगों का जीवन बचाया जा सकता है।