नागपुर से धराये गए तलेगांव के ओला कैब चालक के हत्यारे

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – दो माह पूर्व पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के तलेगांव एमआईडीसी थानांतर्गत एक ओला कैब चालक की हत्या के मामले में नागपुर पुलिस ने दो आरोपियों पर शिकंजा कस लिया है। लूटपाट के इरादे से यह हत्या गोली मारकर की गई थी। गिरफ्तार आरोपियों के नाम वैभव उर्फ पिंटू धनराज बिजेवार (33) निवासी रामदासपेठ, लेंड्रा पार्क, हनुमान गली, प्लाट  नं.-247 और दिग़ंबर उर्फ अक्षय मधुकर मेश्राम (25) निवासी मोर्शी, जिला अमरावती है।
सीताबर्डी पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को धरदबोचने के बाद पुणे पुलिस के हवाले कर दिया। दोनों आरोपियों से एक देसी कट्टा, माउजर, चाकू  व 31 जीवित कारतूस सहित करीब 32 हजार 650 रुपए का माल जब्त किया गया है। दोनों आरोपियों से जो कारतूस जब्त किए गए उसमें 22 कारतूसों पर 7.65 के एफ और 9 कारतूसों पर के एफ-8 एमएम लिखा है। पुलिस से पता चला है कि दोनों आरोपियों की मुलाकात पुणे के एमआईडीसी क्षेत्र की एक कंपनी में हुई थी। वैभव और अक्षय की यहीं पर दोस्ती हुई। उसके बाद दोनों ने कंपनी का काम छोड़ कर अपराध जगत की दलदल में उतर गए।
वैभव के पिता धनराज बिजेवार सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। वैभव पहले लेंड्रा पार्क, रामदासपेठ में किराए के कमरे में रहता था। बाद में वाड़ी रहने चला गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीताबर्डी पुलिस ने तलेगांव एमआईडीसी पुणे पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए सोमवार को देर रात आरोपी  वैभव और उसके मित्र अक्षय मेश्राम को नागपुर में धरदबोचा। सीताबर्डी के वरिष्ठ थानेदार जग्वेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि, उन्हें करीब दो सप्ताह पहले पुणे पुलिस की  सूचना मिली  थी कि, अक्षय और वैभव नागपुर में छिपे है। तीन दिन से सीताबर्डी और पुणे पुलिस इन आरोपियों की गहन तलाश कर रही थी। दोनों आरोपियों को सीताबर्डी के एक लॉज से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस से यह भी पता चला है कि, अक्षय भी बी.टेक की डिग्री लेकर पुणे चला गया। पुणे में वैभव और अक्षय की कंपनी में मुलाकात होने पर दोनों में दोस्ती हो गई। उसके बाद वह दोनों करीब 3 साल पहले अपराध की दुनिया में दाखिल हो गए। अक्षय बेहद शातिर और खतरनाक अपराधी है। वह सनकी भी है। वैभव को अपने पास हमेशा हथियार रखने का शौक है। उसके खिलाफ भी विविध थानों में मामले दर्ज हैं।  दोनों आरोपियों पर प्रतापनगर और अंबाझरी थाने में भी मामला दर्ज है। आरोपी कारंजा घाडगे में एक्सिस बैंक डकैती में भी शामिल थे। इस प्रकरण में वैभव और अक्षय को पकड़ा गया था। आराेपियों को तलेगांव एमआईडीसी पिंपरी चिंचवड़ आयुक्तालय से आए पुलिस दल के हवाले कर दिया गया है।
आरोपियों से बरामद किए गए 22 कारतूसों पर 7.65 के एफ और 9 कारतूसों पर के एफ-8 एमएम लिखा है। सूत्रों से पता चला है कि आरोपी अक्षय ने किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए ओला कैब हायर की थी। अक्षय, वैभव और उसके दो साथी ओला कैब से पुणे शहर में घूम रहे थे। किसी बात को लेकर ओला कैब चालक से विवाद होने पर अक्षय ने ओला कैब चालक पर दो गोलियां दागकर उसकी हत्या कर दी। ओला कैब चालक की हत्या  की खबर पुणे शहर में फैलने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए। वैभव और अक्षय ने नागपुर में पनाह ली। शेष दो साथी अभी भी फरार हैं। दोनों आरोपियों से आगे की पूछताछ पुणे पुलिस करेगी।