पुलिस बनकर मेडिकल दुकानदार को अगवा कर मांगी 6 लाख की फिरौती

संवाददाता, पिंपरी। खुद को पुलिस बताकर गर्भपात की दवाइयों की बिक्री के आरोप तले एक मेडिकल दुकानदार को अगवा कर छह लाख रुपए की फिरौती मांगे जाने का मामला सामने आया है। मंगलवार की शाम छह बजे के करीब पिंपरी चिंचवड़ के थेरगांव में हुई इस वारदात में वाकड पुलिस ने बड़ी मुस्तैदी से दुकानदार को छुड़ाकर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।
अगवा किये और बाद में छुड़ाए गए दुकानदार का नाम अशोक बेलिराम आगरवाल (53, निवासी विकासनगर, किवले, पुणे) है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सिद्धार्थ भारत गायकवाड (32), प्रीतेश बबनराव लांडगे (30), राहुल छगन लोंढे (24), प्रकाश मधुकर सजगणे (31), कमलेश बाफना, संतोष बापू ओव्हाल (28, सभी निवासी वाकड, पुणे) व आकाश विजय हारकरे (27, निवासी चिखली, पुणे) का समावेश है। अग्रवाल की शिकायत के आधार पर पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ अपहरण और फिरौती का मामला दर्ज किया है। अदालत ने उन्हें 19 जून तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा कि, अग्रवाल का वाकड के स्पंदन हॉस्पिटल में मेडिकल स्टोर है। वारदातवाले दिन अग्रवाल के मेडिकल स्टोर में कुछ लोग आए और खुद को पुलिस बताकर उनसे एमटीपी (गर्भपात की दवाई) और फाइलें मांगी। इन दवाइयों की खरीद-फरोख्त पर रोक है तुम्हारे खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होगा, येरवडा जेल की हवा खानी पड़ेगी। यह डर दिखाकर वे अग्रवाल को जबरन अपनी गाड़ी में बिठाकर ले गए। वाकड के दत्त मंदिर रोड पर गाड़ी में घुमाकर अग्रवाल और हॉस्पिटल के डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई और मारने की धमकी देकर एक घन्टे में छह लाख रुपए देने को कहा।
इस बीच स्पंदन हॉस्पिटल के डॉक्टर ने वाकड पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक डॉ विवेक मुगलीकर को इसकी जानकारी दी। उन्होंने उनके बताए हुए लोकेशन पर पुलिस टीम भेजी। पुलिस को देखकर आरोपी वहां से भागने लगे। हालांकि पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और अपहृत दुकानदार को छुड़ाया। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल सिद्धार्थ गायकवाड टाइगर ग्रुप का उपाध्यक्ष है, व प्रितेश लांडगे ग्राम सुरक्षा दल का सदस्य और आकाश हारकरे होमगार्ड है। एमटीपी यानी गर्भपात की गोलियों को डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना नहीं बेची जा सकती है। सरकार ने इनकी बिक्री पर रोक लगाई है। हालांकि कुछ मेडिकल स्टोर वाले ज्यादा मुनाफे के लिए अवैध रूप से ऊंचे दामों पर इन गोलियों की बिक्री करते हैं। इसका लाभ उठाते हुए यह गैंग दुकानदारों से फिरौती वसूलती है। उन लोगों और भी मेडिकल स्टोर वालों से पैसे वसूले होंगे, यह अनुमान लगाया जा रहा है। फिलहाल उनसे पुलिस कस्टडी में पूछताछ की जा रही है।