कैलाश विजयवर्गीय बाल-बाल बचे…काफिले पर हमले को लेकर  जेपी नड्डा बोले, ‘लोकतंत्र के लिए शर्मनाक’

कोलकाता. ऑनलाइन टीम : भाजपा अध्यक्ष पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। गुरुवार को उनके दौरे का दूसरा दिन है। बुधवार को बंगाल दौरे पर पहुंचे जेपी नड्डा ने कोलकाता में राज्य चुनाव कार्यालय और 9 जिलों में बीजेपी ऑफिस का उद्घाटन किया था। वह 24 दक्षिण परगना में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। दरअसल, भाजपा पश्चिम बंगाल की राजनीतिक बिसात की हर बाजी अपने नाम करना चाहती है और यह बंगाल की शेरनी ममता बनर्जी को पसंद नहीं।

अपनी ‘बीहड़’ में वह एकछत्र राज करना चाहती हैं, इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं को सीधे निशाने पर लिया जा रहा है। कार्यकर्ता ही क्यों, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का काफिला हमलों से नहीं बच पाया। जेपी नड्डा के काफिले पर डायमंड हार्बर के नजदीक पथराव किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं पर लाठी डंडे भी चलाए गए। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के वाहन पर भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। वह दक्षिण 24 परगना जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क को अवरुद्ध करने का भी प्रयास किया, जहां से जेपी नड्डा का काफिला गुजर रहा था। बता दें कि डायमंड हार्बर ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है।

घटना में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय समेत कई नेता बाल-बाल बच गए। विजयवर्गीय के गाड़ी के शीशे भी तोड़ दिए गए।  जेपी नड्डा ने कहा, ‘हमारे काफिले में कोई ऐसी कार नहीं थी जिस पर हमला न किया गया हो। मैं सुरक्षित हूं क्योंकि मैं बुलेटप्रूफ कार में था। पश्चिम बंगाल में इस तरह की अराजकता और अहिष्णुता को खत्म करना होगा।’ जेपी नड्डा बोले, ‘आज के हमले में मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय घायल हो गए हैं। यह लोकतंत्र में शर्म की बात है।’

इस बीच, केंद्र सरकार ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पश्चिम बंगाल दौरे के समय कथित ‘गंभीर सुरक्षा खामियों’ को लेकर गुरुवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार से मांगी गई है जब बुधवार को भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। अपने पत्र में घोष ने आरोप लगाया था कि 200 से अधिक लोगों की भीड़ लाठी और डंडों के साथ कोलकाता में भाजपा कार्यालय के सामने मौजूद थी और काले झंडे दिखा रही थी। उन्होंने यह दावा भी किया था कि कुछ प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यालय के सामने खड़ी कारों पर चढ़ गए और नारेबाजी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।