Kailas Pawar Army Jawan | चिखली का जवान कैलास पवार सियाचिन में शहीद

बुलढाणा (Buldhana News) : सियाचिन (siachen) में देश की सीमा पर पहरा देनेवाला चिखली का एक जवान (Kailas Pawar Army Jawan) शहीद हो गया। सीमा पर एक साल पूरा करने के बाद घर वापस आते समय बर्फीली पहाड़ी पर पैर फिसलने के कारण वो नीचे गिर गया और उसकी मृत्यु (Death) हो गई।

 

इस जवान का नाम कैलास पवार (Kailas Pawar Army Jawan) है। ये अपने पीछे मां, पिता, बड़ा भाई और छोटी बहन को छोड़ गए हैं। उनके पार्थिव शरीर का कल चिखली के तालुका क्रीडा संकुल में सैन्य रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार किया जागा।

 

हिमालय की पर्वत श्रृन्खला की सियाचिन ग्लेशियर में कड़ाके की ठंड होती है। ऐसी भयानक ठंड में भारतीय जवान (indian jawans) चीनी और पाकिस्तानी गतिविधियों पर नजर रखते हैं। समय के अनुसार वो युद्धाभ्यास भी करते हैं। ऐसी दुर्गम और बर्फ से ढके हुए प्रदेश में चिखली स्थित पुंडलिक नगर में रहनेवाले कैलास भारत पवार (Kailas Bharat Pawar) पिछले साल 2 अगस्त 2020 से 10 महार बटालियन में अपना कर्तव्य निभा रहे थे। 1 अगस्त को सियाचिन में उनकी ड्यूटी खत्म हुई। अब वो 6 महीने की छुट्टी पर आनेवाले थे। अपने सहयोगियों के सथ कैलास सियाचीन ग्लेशियर के बर्फीले पहाड़ी से उतर रहे थे।

 

सियाचिन ग्लेशियर तक पीठ पर सामान का बोझ लेकर जाना अर वापस आना ये उन्हें पैसल ही करना पड़ता है। वहा तक पहुंचने में और वापस आने में 4-4 दिन का समय लगता है। इसी बीच बर्फीले पहाड़ी (snowy hill) से उतरते समय कैलाश का पैर फिसल गया और वो नीचे गिर गया।

साथ में जो जवान थे उन्हे जितना हो सके उतनी जल्दी वहां से उठाया और इलाज के लिए लदाख के अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान 1 अगस्त को कैलास पवार की मृत्यु हो गई। कैलास का इस तरह से जाने से पवार परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है।

 

 

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