झारखंड : 28 साल की सबसे कम उम्र की विधायक, संघर्ष में कटी जिंदगी, अब मंत्री बनने की कतार में 

रांची, 29 दिसंबर: हाल ही में संपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में हज़ारीबाग के बड़कागांव विधानसभा सीट से कांग्रेस की 28 वर्षीय अविवाहित महिला उम्मीदवार अंबा प्रसाद ने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है. वह एक मात्र अविवाहित उम्मीदवार थी. उनके नाम 2019 में सबसे कम उम्र में विधायक बनने का भी तमगा जुड़ गया है. उन्होंने आजसू के रोशनलाल चौधरी को 30, 140 वोटों के बड़े बड़े अंतर से हराया। माना जा रहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

यूपीएससी की पढाई छोड़ बनी विधायक 
अंबा प्रसाद दिल्ली में यूपीएससी की पढाई बीच में ही छोड़कर घर आ गई थी. उन्होंने इसके बाद हज़ारीबाग कोर्ट में वकालत शुरू की. उनकी मां इस समय जेल में है तो पिता राज्य से बदर किये जा चुके है. हाल ही में उन्होंने काफी मेहनत करके भाई को जेल से छुड़ाया है. अंबा कहती है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह विधायक बनेगी। लेकिन माता-पिता के जेल जाने और राज्य बदर होने के बाद उन्होंने शपथ ली थी कि वह इस क्षेत्र में माता -पिता के अधूरे सपने पुरे करेगी।
मां-बाप और भाई पर चल रहा है केस 
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि मेरे पुरे परिवार को कफ़न सत्याग्रह आंदोलन में फंसाया गया. मेरे पापा पर राजनीतिक आरोप लगे और उनको चुनाव से दूर रखने की साजिश की गई. इस वजह से मई आईएएस की तैयारी ठीक से नहीं कर पा रही थी. मैं वापस हज़ारीबाग आ गई और वकालत शुरू कर दी. मैं अपने पिता की रिहाई के लिए दिल्ली में राहुल गांधी से मिली। राहुल गांधी ने मुझे दिल्ली में क़ानूनी मदद उपलब्ध करवाई। साथ ही उन्होंने मुझे पार्टी के लिए काम करने के लिए कहा. बाद में मुझे कांग्रेस नेताओं का समर्थन मिला।
झारखंड की सबसे कम उम्र की मंत्री बन सकती है
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मंत्री बनने का मौका मिलता है तो वह उस कुर्सी पर बैठकर अच्छा महसूस करेगी। मुझे लोग योगेंद्र साव निर्मला देवी की बेटी के रूप में लोग जानते है. पिछले चार साल से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं. बताया जा रहा है कि उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है.me