लालू पर पलटवार कर जद (यू) ने कहा, ‘तीर’ भ्रष्टाचार मिटाने वाला’ (लीड-1)

पटना (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण का मतदान संपन्न हो चुका है तथा सातवें और अंतिम चरण के मतदान में अब एक सप्ताह से भी कम समय शेष है। ऐसे में इस चुनावी मौसम में नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप और तेज होने लगा है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को जेल से ही बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) प्रमुख नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उन पर निशाना साधा है। लालू ने नीतीश कुमार को संबोधित, मीडिया को जारी इस पत्र में राजद के चुनाव चिह्न ‘लालटेन’ को अंधेरा हटाने वाला जबकि जद-यू के ‘तीर’ को हिंसा का पर्याय बताया था। इस पत्र पर के जवाब में जद-यू ने लालू को पत्र लिख ‘तीर’ को भ्रष्टाचार मिटाने वाला बताया है।

उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वे रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं। इधर, जद-यू के प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने भी लालू के पत्र पर पलटवार करते हुए उन्हें पत्र लिखकर निशाना साधा।

जद-यू ने लालू को लिखे पत्र को मीडिया में जारी करते हुए लिखा, “आशा है कि आपकी तबियत ठीक होगी। आप इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की जेल में कैदी नं़ – 3351 बनकर रह रहे हैं, ऐसे में शायद आपको ‘लालटेन’ नहीं दिखाई दे रहा होगा, क्योंकि वहां बिजली है।”

उन्होंने आगे लिखा, “आप आज भी क्यों बिहार को ‘लालटेन’ युग में ही रखना चाहते हैं, बिहार बहुत आगे बढ़ गया है। आप सच कह रहे हैं कि यह मिसाइल का युग है, ऐसे में आप लालटेन को लेकर कहां बिहार के लोगों को बरगला रहे हैं। ऐसे भी बिहार में ‘लालटेन’ की पहचान भ्रष्टाचार, अवैध संपत्ति अर्जित करना, उन्माद, जंगलराज की बनकर रह गई है।”

उन्होंने आगे लिखा, “प्रारंभ से ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रतिबद्घता ‘लालटेन’ हटाकर राज्य में रोशनी फैलाने की रही है। ‘लालटेन’ की मद्घम रोशनी में राज्य में पूरी तरह उजाला नहीं हो सकता था, यही कारण है कि गांव-गांव बिजली पहुंचाई गई। गांवों में अब नरसंहार नहीं विकास के कार्य हो रहे हैं।”

जद-यू के प्रवक्ता ने पत्र में आगे लिखा, “‘तीर’ का प्रयोग तो त्रेता युग से लेकर द्वापर युग तक में भ्रष्टाचारियों, दुराचारियों, राक्षसी प्रवृत्ति वाले लोगों के विनाश के लिए होता रहा है। कलयुग में भी बिहार के लोग इसे लेकर ही ऐसी प्रवत्तियों के विनाश करने के लिए आगे चल पड़े हैं।”