सर्जिकल स्ट्राइक की सालगिरह के विवाद पर जावड़ेकर ने दी ये सफाई

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी
शैक्षिक संस्थानों में सर्जिकल स्ट्राइक की सालगिरह मनाने की अनिवार्यता पर केंद्र सरकार के विवादों में घिरने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफाई दी है कि,  हमने कुछ भी अनिवार्य नहीं किया है बल्कि सिर्फ सुझाव दिया है और एडवाइजरी जारी की है। इसमें कोई राजनीति नहीं है, यह सिर्फ देशभक्ति है। 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक की सालगिरह पर हमने कॉलेजों को कहा है कि वह आर्मी के पूर्व अधिकारियों से छात्रों को लेक्चर देने का कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं।
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इस लेक्चर में छात्रों को कैसे रक्षा बल देश की रक्षा करते हैं और किस तरह सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया इस बारे में चर्चा की जाएगी। मंत्री  जावड़ेकर ने साफ कहा कि कॉलेजों को कोई प्रेशर नहीं दिया गया है जो कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं केवल वही करें। हमने किसी भी संस्थान या छात्रों को कोई आदेश नहीं दिया है। हमने केवल कई छात्रों और टीचरों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की सालगिरह मनाने के बारे में सोचा है। इसके लिए 29 सितंबर को कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में निर्णय लिया गया है।
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ज्ञात हो कि भारत ने 29 सितंबर 2016 को एलओसी के पार आतंकवादियों के 7 अड्डों पर निशाना बनाकर हमले किए थे। सेना ने कहा था कि विशेष बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घुसपैठ की तैयारी में जुटे आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाते हुए ढेर कर दिया था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’ के तौर पर मनाया जाए। यही नहीं यूजीसी ने इस दिन पर सुरक्षा बलों के बलिदान के बारे में पूर्व सैनिकों से चर्चा, संवाद, परेड, प्रदर्शनियों का आयोजन और सशस्त्र बलों को ग्रीटिंग कार्ड भेजने जैसे कार्यक्रम शामिल करने को कहा है।
आयोग ने सभी वाइस चांसलर को भेजे गए पत्र में कहा, सभी विश्वविद्यालयों की एनसीसी की इकाइयों को 29 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए। इसके बाद एनसीसी के कमांडर छात्रों को सरहद की रक्षा के बारे में संबोधित करें। विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में छात्रों को संवेदनशील करने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल करके एक संवाद सत्र का आयोजन भी कर सकते हैं। उस पत्र में कहा गया है, इंडिया गेट के पास 29 सितंबर 2018 को एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह की प्रदर्शनियों का आयोजन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, देश की कई छावनियों में किया जा सकता है। इन संस्थानों को छात्रों को प्रेरित करना चाहिए।