Jalyukt Shivar योजना को ठाकरे सरकार से क्लीन चिट मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस की पहली प्रतिक्रिया

नई दिल्ली (New Delhi) : फडणवीस सरकार के दौरान लागू की गई जलयुक्त शिवार (Jalyukt Shivar) योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की एक महत्वाकांक्षी योजना थी। हालांकि, योजना के संबंध में शिकायतों के कारण, ठाकरे सरकार (Thackeray Government) ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया था। अब इस जांच समिति की रिपोर्ट आई है और उन्होंने इस ‘जलयुक्त शिवार योजना’ (Jalyukt Shivar Yojana) को क्लीन चिट (Clean Chit) दे दी है। इस संबंध में कमेटी की ओर से रिपोर्ट सौंप दी गई है। इस पर अब देवेंद्र फडणवीस ने पहली प्रतिक्रिया दी है।

 

देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने जलयुक्त  शिवार को क्लीन चिट मिलने के बाद कहा, “मैंने रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन मीडिया के माध्यम से मुझे जो जानकारी मिल रही है उससे मैं बहुत खुश हूं।” क्योंकि यह एक सार्वजनिक योजना है। मूल रूप से यह लोगों द्वारा लागू की गई योजना है। 6 लाख काम पूरे हो चुके हैं। इससे पहले, उच्च न्यायालय (High Court) ने देश भर के एक्सपर्ट की एक समिति तैयार की थी , उस समिति ने यह योजना किस तरह से उचित है और कैसे काम हुआ है इसकी रिपोर्ट दी थी। उस रिपोर्ट को हाईकोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया था। यह सच है कि योजना के बारे में कुछ शिकायतें हो सकती हैं। मैंने खुद घोषणा की थी कि इसकी जांच होनी चाहिए। किए गए 6 लाख कार्यों में से 600 कार्य की जांच होना कोई बड़ी बात नहीं है। जो गलत है उसका मैं समर्थन नहीं करूंगा। लेकिन योजना को बदनाम करना उचित नहीं होगा।

 

जलयुक्त शिवार योजना की छवि धूमिल करने वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (Maharashtra Vikas Aghadi) ने योजना की जांच कर अपने दांत अपने ही गले में ले लिया है, इस तरह की छवि बन गई है, यह प्रतिक्रिया भाजपा नेता विधायक आशिष शेलार ने दी है।

 

जलयुक्त शिवार योजना की जांच के लिए एक समिति नियुक्त की गई थी। उस समय आघाडी द्वारा आरोप लगाया गया था कि इस योजना के कार्य में गुणवत्ता नहीं है, सिंचाई क्षमता में वृद्धि नहीं हुई है, पारदर्शिता नहीं है। फिर पूछताछ के अंत में  जल संरक्षण विभाग ने क्या जवाब दिया? सिंचित क्षेत्रों ने संरक्षित सिंचाई प्रदान की है, नकदी फसलों में किसानों की आय में वृद्धि हुई है, खेती के तहत क्षेत्र में वृद्धि हुई है, भूजल स्तर में वृद्धि हुई है, इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक और फोटो जियो-मैपिंग में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखी है, और इसमें ग्रामीण का सहयोग था, ऐसा आशिष शेलार (Ashish Shelar) ने कहा।

 

जांच के अंत में अगर जल संरक्षण विभाग (Water Conservation Department) इन सब बातों की बात कर रहा है तो सिर्फ अहंकार और राजनीतिक नफरत के कारण आपने इस जलयुक्त शिवर (Jalyukt Shivar ) को बदनाम किया है। यह साबित हो रहा है। सियासी नफरत से गठबंधन सरकार ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के किसानों का अपमान किया, किसानों को नुकसान पहुंचाया, अब तो आपके ही दांत आपके गले में चले गए हैं ना? ऐसी टिप्पणी  विधायक आशीष शेलार ने आघाडी सरकार पर किया है।

 

 

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