एटीएम चोरी के मामलों में अंतरराज्यीय गिरोह पर शिकंजा

गिरोह के मुखिया समेत 6 सदस्य गिरफ्तार; 8 मामले उजागर, 20.20 लाख का माल बरामद
पिंपरी। सँवाददाता – सिलसिलेवार तरीके से एटीएम सेंटरों में हो रही चोरी की वारदातों, जिससे पिंपरी चिंचवड़ पुलिस का सिरदर्द बढ़ गया था, को सुलझाने में बड़ी कामयाबी मिली है। वाकड़ पुलिस की डिटेक्शन ब्रांच (डीबी) ने इस मामले में एक अंतरराज्यीय गिरोह पर शिकंजा कसा है। इस गिरोह के छह सदस्यों को थेरगांव और हरियाणा से गिरफ्तार कर उनसे 20 लाख 20 हजार रुपए के माल की बरामदगी की गई है। हालांकि इस गिरोह के छह अन्य सदस्य अभी फरार है, उनकी तलाश जारी है। उनसे पिंपरी चिंचवड़ शहर में एटीएम चोरी की कुल 8 वारदातें उजागर हुई हैं। वाकड़ पुलिस के डीबी की इस कार्रवाई की सराहना करते हुए पुलिस आयुक्त संदीप बिश्नोई ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस टीम के लिए 50 हजार रुपए इनाम की घोषणा की है। साथ ही इस डिटेक्शन को राज्य के बेस्ट डिटेक्शन के लिए प्रस्तुत करने की जानकारी भी उन्होंने दी।

 

 

कौन कौन है आरोपी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अजरुद्दीन ताहीर तहुसेन (29, निवासी टोंका, पलवल, हरियाणा), सरफुद्दीन हसम खान (22, निवासी वेल्ले उटावर, इस्लामाबादी, हतीन, पलवल, हरियाणा), मोहमद शकिर हसन (35, निवासी हसनपुर, भादस, फिरोजपुर, नूह, हरियाणा), संदीप माणिक सालवे (43, निवासी पंचशील कालोनी, जांभे, मुलशी, पुणे), दत्तात्रय रघुनाथ कोकाटे (42, निवासी थेरगांव, पुणे), गौतम किसन जाधव (38, निवासी गुजरनगर, थेरगांव, पुणे) का समावेश है। इसमें से सफरुद्दीन खान हरियाणा के गुरगांव और गुरुग्राम में आठ मामले दर्ज रहने की जानकारी सामने आई है। इस गिरोह से पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय की सीमा में वाकड़ थाने के तीन, सांगवी थाने के दो, भोसरी, दिघी और चिखली थाने के एक-एक कुल आठ मामले उजागर हुए हैं।
कैसे बनी आरोपियों तक पहुंच
पुलिस आयुक्त संदीप बिश्नोई ने बताया कि, 12 फरवरी की रात सवा दो बजे रहाटनी लिंक रोड पर आरबीएल बैंक के एटीएम सेंटर में गैस कटर से मशीन काटकर 12 लाख 84 हजार 100 रुपए की नकदी चुरा ली गई। इससे पहले 27 जनवरी की देर रात थेरगांव में एक्सिस बैंक के एटीएम सेंटर में चोरी की कोशिश की गई। हालांकि गैस कटर से मशीन काटते वक्त आग लगने से सारी नकदी जलकर खाक हो गई। इन वारदातों की छानबीन के दौरान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर थेरगांव निवासी दो आरोपियों की शिनाख्त की गई। वाकड़ थाने के डीबी के सहायक पुलिस निरीक्षक हरीश माने अपने मुखबिरों के नेटवर्क के जरिये उन दो आरोपियों को थेरगांव फाटा के पास से हिरासत में लिया। पूछताछ में पता चला कि वे हरियाणा की एक गैंग के साथ मिलकर एटीएम चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। इसके बाद हरीश माने और उनकी टीम भेष बदलकर 10 दिनों तक हरियाणा में डटी रही और वहां से मुख्य आरोपी समेत गैंग के चार अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर यहां ले आयी।
कैसे पकड़ा गया सरगना
जब थेरगांव में दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया तब मुख्य आरोपियों की इसकी भनक लग गई। उसने फोन पर उन्हें अंडरग्राउंड हो जाने की सूचना दी। चूंकि वे पुलिस की गिरफ्त में ही थे तो पुलिस को पता चल गया और आरोपियों के साथ दिल्ली पहुंचकर एयरपोर्ट से मुख्य आरोपी को फोन पर उन्हें लेने के लिए कहलवाया। जब वह अपने साथियों को लेने पहुंचा तब पुलिस टीम ने उसे भी धरदबोचा। उसके बाद उसके अन्य साथियों को भी हिरासत में लिया गया। इन आरोपियों से तीन लाख रुपए नकद, तीन कार, एक दोपहिया और एटीएम मशीन काटने व तोड़ने में इस्तेमाल की जानेवाली गैस गन, गैस कटर, सिलेंडर, एटीएम के खाली कैसेट्स, 16 एटीएम व डेबिट कार्ड आदि बरामद किए गए हैं। उनसे और भी मामले उजागर होने की संभावना पुलिस आयुक्त ने जताई है। इस सँवाददाता सम्मेलन में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रामनाथ पोकळे, पुलिस उपायुक्त विनायक ढाकणे, सहायक पुलिस आयुक्त श्रीकांत मोहिते, वाकड़ थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक डॉ. विवेक मुगलीकर मौजूद थे।
कैसे होती थी वारदातें
एटीएम में चोरियां करने वाला यह अंतरराज्यीय गिरोह पहले एटीएम सेंटरों में पैसे निकालने के लिए आनेवाले लोगों पर नजर रखकर फर्जी एटीएम कार्ड से उनके पैसे चुरा लेता था। मशीनों औऱ कार्ड में काफी बदलाव आने से उनका धंधा मंदा पड़ गया तो उन्होंने एटीएम मशीन में से चोरी की वारदातें शुरू की। इसके लिए उन्हें पिंपरी चिंचवड़ शहर ज्यादा सुरक्षित लगा। यहां रहनेवाले अपने दो साथियों की मदद से रेकी कराने के बाद गैंग का मुखिया चोरी का प्लान बनाता। ये गैंग उस एटीएम मशीन को निशाना बनाते जहां ज्यादा नकदी जमा की गई हो। इसके लिए वे एटीएम सेंटर के डस्टबीन का निरीक्षण करते। जिस डस्टबीन में नोटों के बंडल बांधने वाले प्लास्टिक टैग ज्यादा पड़े नजर आते उसी में चोरी करते। ज्यादातर शुक्रवार, शनिवार को मशीनों में ज्यादा कैश जमा की जाती है। इसलिए यह गैंग शनिवार या रविवार का दिन चोरी के लिए तय करता था। स्थानीय साथियों से रेकी करने व जानकारी जुटाने के बाद चोरी के लिए गैंग के अन्य सदस्य हरियाणा से यहां कार में सवार होकर आते और पूरी तैयारी करने के बाद मुख्य आरोपी फ्लाइट से यहां आकर वारदात को अंजाम देता था।
पुलिस आयुक्त ने लोगों से की यह अपील
बहरहाल इस गैंग के छह अन्य सदस्य जो हरियाणा के हैं, फरार हो चुके हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस आयुक्त संदीप बिश्नोई ने बताया कि, एटीएम सेंटरों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह व उदासीन रहे बैंकों के लिए आरबीआई को खत भेजा जाएगा। वाकड़ के मामलों में बैंकों को नोटिस जारी की गई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जिन बैंकों के एटीएम में उनके पैसे सुरक्षित नहीं है, जहां सुरक्षा के प्रति उदासीनता नजर आती है, उन बैंकों से अपने एकाउंट बंद करा दे। ताकि बैंक इस मामले में सजग हो सकें। एटीएम, सराफा दुकानों व चोरी- सेंधमारी की अन्य जगहों पर नजर रखने के लिए क्यूआर कोड सिस्टम कार्यान्वित की जाएगी। एटीएम चोरी की वारदातों को सुलझाने वाली पुलिस टीम में वाकड़ थाने की डिटेक्शन ब्रांच के सहायक पुलिस निरीक्षक हरीश माने, उपनिरीक्षक सिद्धनाथ बाबर, कर्मचारी बापूसाहेब धुमाल, नितीन ढोरजे, बिभीषण कन्हेरकर, जावेद पठाण, प्रमोद भांडवलकर, रमेश गायकवाड, सुरेश भोसले, विक्रम जगदाले, प्रमोद कदम, विक्रम कुदल, विजय गंभीरे, दीपक भोसले, सचिन नरुटे, शाम बाबा, नितीन गेंगजे, प्रशांत गिलबिले, तात्यासाहेब शिंदे, सुरज सुतार, नूतन कोंडे शामिल थी।