Inspiration: बुजुर्गों की आंखों को रोशनी मिल सके, इसलिए स्कूली बच्चों ने उनकी सर्जरी के लिए जुटाए 35 लाख रुपए

 

सुनकर आश्चर्य होगा लेकिन यह हकीकत है कि 110 स्कूली बच्चों ने सिर्फ 10 दिनों में 35 लाख रुपए जुटाए ताकि 3580 बुजुर्गों के आंखों को रोशनी मिल सके

ये सभी छात्र बेंगलुरु के येलहंका स्थित विद्याशिल्प अकादमी के हैं, इस अभियान की शुरुआत चार बच्चों ने की थी. जुटाए गए फंड से होसकोटे-कोलार-चिंतामणि बेल्ट के गांवों के बुजुर्गों की मदद की जाएगी.

समाचार ऑनलाइन –  शहर के विद्याशिल्प अकादमी के 110 छात्रों ने पिछले दिनों 3580 ग्रामीण बुजुर्गों की कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी के लिए 10 दिनों में 35 लाख रुपए का फंड जुटाया। इस फंड से होसकोटे-कोलार-चिंतामणि बेल्ट के बुजुर्गों के ऑपरेशन हो सकेंगे। पहले 2400 बुजुर्गों की सर्जरी के लिए 22.4 लाख रुपए का लक्ष्य रखा था। बाद में संख्या बढ़ा कर3580 कर दी गई। पैसा क्राउडफंडिंग के जरिए एकत्रित किया गया।

4 छात्रों ने पौने पांच लाख से ज्यादा जोड़े

अभियान की शुरुआत में चार छात्रों को एक-एक लाख से अधिक का दान मिला। इनमें खुशी कर्मकार (135611 रुपए), गायत्री दिनेश थम्पी, (132000 रुपए), मिहिका (115500 रुपए) और करण ददलानी (103000 रुपए) ने पौने पांच लाख रुपए जुटाए। इनकी पहल पर कक्षा 9वीं, 10 वीं और 11वीं के छात्रों ने 18 जून से और कक्षा 12 के छात्रों 25 जून को अभियान शुरू किया। प्रत्येक छात्र को 20 हजार रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा। फंड पूरा होने के चार दिन के बाद अभियान को बंद कर दिया गया।

सबसे ज्यादा 36 दानदाताओं से राशि जुटाने वाली खुशी ने बताया, “ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले इन ऑपरेशन के लिए शहर के एनजीओ द रोटरी बैंग ने 1 हजार से लेकर 4200 रुपए तक की सब्सिडी भी दी थी। इसके बाद तो मेरा उत्साह चरम पर था। मैंने घर जाने का इंतजार किए बिना अभियान शुरू किया।” खुशी ने कहा, “जब आप विनम्र होकर बातचीत करते हैं इसका असर होता है। मुझे पहले यकीन नहीं हुआ कि इतनी जल्दी इतना रुपया मिल गया।”

मिहिका ने कहा, “अभियान के दौरान हमने अपनी संचार शक्ति को जाना। इसे वास्तविक परिस्थितियों में प्रभावी भी समझा। हमे सबसे ज्यादा दान गुप्त दान के रूप में मिला। इससे हमने जाना, लोग एक-दूसरे से अब भी प्यार करते हैं और मदद को आगे आते है।”

विद्याशिल्प अकादमी स्कूल की प्राचार्या कलाई सेल्वी ने कहा, “मेरे स्कूल के छात्र पहले भी सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कई बार अनाथ और जरूरतमंदों की मदद की है। एक बैच ने 65 हजार रुपए में ठंडे पानी के लिए वॉटर कूलर और सोलर पावर वॉटर हीटर का इंतजाम किया था।”

सभी छात्रों को धन्यवाद

छात्रों को मिले फंड पर फ्यूलड्रीम के संस्थापक रंगनाथ थोटा ने कहा, यह अविश्वनीय है। छात्रों के इस सराहनीय प्रयास से अनेक जरूरतमंद जिंदगियों पर असर होगा। एक तरह से 3580 बुजुर्गों के लिए यह तोहफा है। सभी 110 छात्रों को धन्यवाद।