मां के शव के पास 2 दिन तक बैठकर रोता बिलखता रहा मासूम

पिंपरी। महामारी कोरोना के संक्रमण के डर ने इंसान को इंसान से दूर कर दिया है। लोग जीते जी तो संक्रमित से दूरियां बनाये हुए हैं ही लेकिन मरने के बाद भी कोई किसी के पास जाने या किसी को सांत्वना देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। इंसानियत को झकझोर कर रख देने वाली एक घटना पिंपरी चिंचवड़ में सामने आयी है। इसमें एक महिला के मरने के बाद उसके बच्चे को सँभालने के लिए आगे नहीं आया। करीबन दो दिन तक वह डेढ़ साल का मासूम अपनी मां के शव के पास बैठा बिलखता रहा। फिर भी कोरोना के भय से उसे दूध पिलाने या शव के पास से हटाने के लिए कोई आगे नहीं आया।
जहां कोरोना के संकटकाल में इंसान ने इंसानियत को भुला दिया है वहीं दिन रात अपना घर परिवार छोड़कर लोगों की हिफाजत में जुटे रहने के बावजूद टीका, टिप्पणी, आरोपों से घिरे रहनेवाले पुलिस बल ने समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और आत्मीयता को फिर एक बार साबित किया है। दो दिन तक अपनी मरी हुई मां के शव के पास बैठकर भूख से रोते बिलखते डेढ़ साल के मासूम, जिसे पड़ोसियों ने संक्रमण के डर से दूध पिलाना तो दूर उसे पास लेकर चुप कराने की भी हिम्मत नहीं दिखाई, को दो महिला पुलिसकर्मियों ने अपने पास लेकर उसकी भूख मिटाई और उस बच्चे को अपनी ममता का सहारा दिया।
दिघी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मोहन शिंदे से मिली जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला पिंपरी चिंचवड़ के दिघी इलाके की फुगे बस्ती का है। इसमें मरनेवाली महिला का नाम सरस्वती राजेश कुमार (29, निवासी फुगेबस्ती, दिघी, मूल निवासी उत्तर प्रदेश) है। सरस्वती अपने पति के साथ भाेसरी में काम के लिए आई थी। गांव में चुनाव हाेने की वजह से महीने भर पहले उसका पति गांव चला गया। तभी से वह अपने बच्चे के साथ फुगेबस्ती में रह रही थी। पुलिस को लोगों ने फोन पर बताया कि फुगे बस्ती के एक घर से बदबू आ रही है औऱ घर बंद है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तब घर भीतर से बंद मिला।
खिड़की से रॉड डालकर कड़ी खोलकर दरवाजा खोला तो सरस्वती मृतावस्था में पड़ी और उसके शव के पास उसका डेढ़ साल का मासूम बच्चा रो रोकर भूखा प्यासा सोया नजर आया। पुलिस ने पड़ोसियों से बच्चे को संभालने की गुजारिश की लेकिन महामारी के भय से कोई तैयार नहीं हुआ। अंततः दिघी थाने की महिला पुलिसकर्मी सुशिला गभाले और रेखा वाजे को बुलाया गया। उन्होंने बच्चे को पास में लेकर उसे दूध और बिस्कुट खिलाया। उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी कोरोना टेस्ट निगेटिव आने से उसे दिघी के शिशुगृह में रखा गया। इस बीच उसकी मां सरस्वती की लाश का वाईसीएम हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम किया गया, मृत्यु की निश्चित वजह समझ में नहीं आने से उसका विसेरा सुरक्षित रखा गया है। पुलिस ने उसके पति को इसकी इत्तला दे दी है वह यहां आने के लिए निकल चुका है।