‘कर्नाटक सीमा पर 865 गांवों में मराठी भाषी भाइयों के साथ हो रहा अन्याय, सरकार दे ध्यान’

लातूर : ऑनलाइन टीम – कर्नाटक की सीमा पर 865 गांवों में मराठी भाषी भाइयों के साथ अन्याय वर्षों से हो रहा है और महाराष्ट्र सरकार को इस पर अधिक ध्यान देना चाहिए। बीदर जिले में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के अध्यक्ष रामराव राठोड बोंथीकर ने मांग की है कि पूर्व की तरह सीमावर्ती छात्रों को ईबीसी रियायत सहित विभिन्न सुविधाएं दी जानी चाहिए।

उदगीर, निलंगा, उमरगा के तालुका के अधिकांश भाग औराद (संतपूर), भालकी, हुमनाबाद और बसवकल्याण तालुका से जुड़े हैं। इसलिए, मराठी बोलने वालों का क्षेत्र अभी भी कर्नाटक में है। 1951 की जनगणना के अनुसार, बीदर जिले में 39 प्रतिशत मराठी भाषी, कन्नडी 28 प्रतिशत, तेलुगु 15 प्रतिशत, उर्दू 15 प्रतिशत और अन्य 13 प्रतिशत थे।

आज भी इस क्षेत्र में अधिकांश मराठी भाइयों के साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए यहां की जनता को महाराष्ट्र में शामिल करे, ऐसी मांग महाराष्ट्र एकीकरण समिती के बिदर जिल्हाध्यक्ष रामराव राठोड ने महाराष्ट्र सरकार से निवेदन देकर की है। एकीकरण समिति की मांग के अनुसार 865 गांवों के छात्रों को महाराष्ट्र सरकार ईबीसी रियायतें  मिलनी चाहिए। राज्य सरकार की सभी रियायतें, सुविधाएं और अधिकार इन गांवों के नागरिकों को दिए जाने चाहिए। साथ ही स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए दिए जाने वाले आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए।

इसके अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी बोलने वाले नागरिकों के लिए लिबरेशन और एकीकरण समिति के पदेन पदाधिकारियों को मुंबई की यात्रा के दौरान विधायक के आवास में रहने की व्यवस्था किया जाना चाहिए।