पहल: आंध्र प्रदेश के स्थानीयों को प्राइवेट कंपनियों में मिलेगा 75% रिजर्वेशन!

–    राज्य में ख़ुशी का माहौल

–    युवकों को अब नौकरी के लिए अब दर –दर भटकने की जरूरत नहीं

–    यह पहल करने वाला आंध्र प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है

–    म.प्र. भी इस फल की और  

समाचार ऑनलाइन – आंध्र प्रदेश के स्थानीय निवासियों के लिए यहाँ की सरकार ने रोजगार को लेकर एक बहुत अहम कदम उठाया है. आंध्र प्रदेश सरकार ने एक निर्देश जारी करते हुए राज्य की सभी प्राइवेट और औद्योगिक क्षेत्र की कम्पनियों को अपने यहाँ 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय निवासियों (भूमिपुत्रों) के लिए आरक्षित करने को कहा है. अर्थात अब यहाँ के 75% स्थानियों को रोजगार के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब उन्हीं के राज्य में स्थित ये कम्पनियां उन्हें नौकरी देने के लिए बाध्य होंगी. आप को जानकर ख़ुशी होगी कि इस तरह का आदेश जारी करने वाला आंध्र प्रदेश देश का  पहला राज्य बन गया है.

आंध्र प्रदेश की जगनमोहन सरकार के इस अहम फैसले से यहाँ के नागरिकों में ख़ुशी की लहर है. सभी जगमोहन सरकार के फैसले की प्रशंसा कर रहे हैं.

पहले ट्रेनिंग दें, फिर नौकरी

मुख्यमंत्री जगनमोहन की सरकार ने कल (22 जुलाई) विधानसभा में आंध्र प्रदेश निजी उद्योग रोजगार अधिनियम 2019 को मंजूरी दे दी है. इस कानून के अनुसार, आंध्र प्रदेश में सभी उद्योगों, कारखानों, कंपनियों और बड़ी परियोजनाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य होगा. यदि इन उद्योगों के लिए आवश्यक कुशल श्रमशक्ति या मजदूर नहीं मिल पाते हैं, तो इन उद्योगों की जिम्मेदारी होगी कि वे लोगों को प्रशिक्षित करें. अर्थात कंपनियों को पहले स्थानीय भूस्वामियों को प्रशिक्षित करके, फिर उन्हें नियुक्त करना होगा.

आदेश को अमल में लेन के लिए 3 साल का समय

आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित कानून को लागू करने के लिए निजी उद्योगों को तीन साल की अवधि दी गई है. इन तीन वर्षों के दौरान स्थानीय भूस्वामियों को प्रशिक्षित करना उनके लिए अनिवार्य है.

सिर्फ सरकार से सहायता प्राप्त कंपनियों पर नियम लागू

हालाँकि, संशोधित औद्योगिक नीति के मुताबिक 70 प्रतिशत आरक्षण नियम केवल उन्हीं उद्योगों पर लागू होते हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान की है.

मप्र सरकार भी इस तरह का कानून बनाने की तैयारी में  

बता दें कि इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 9 जुलाई को इस तरह की घोषणा करने की खबरे आई थी, जिसके मुताबिक राज्य में प्राइवेट कंपनियों की नौकरियों में स्थानीय भूस्वामियों को 70 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव था. इसके लिए कमलनाथ सरकार अध्यादेश भी जारी करने वाली थी. लेकिन इससे पहले आंध्र प्रदेश की जगनमोहन सरकार बाजी मार गई है.