जानकारी छिपाना पड़ा महंगा; चार डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन
गर्भवती महिला से उसकी संतान के बारे में सही जानकारी न देना पिंपरी चिंचवड़ के चार डॉक्टरों के लिए महंगा साबित हुआ है। महिला के पति की शिकायत के आधार पर निगड़ी पुलिस ने डॉ. प्रदीप पंडित गिरीगोसावी, डॉ. दीपाली प्रदीप गिरीगोसावी दोनों निवासी पाटिलनगर, चिखली, डॉ. हर्षद आदिक और डॉ. आशिष अडसुले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 2016 के 9 जुलाई से 15 सितंबर तक पाटिलनगर के अश्वमेध नर्सिंग होम और थरमैक्स चौक के आशिर्वाद डायग्नोस्टिक सेंटर में यह घटना घटी है।
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स्वप्नील भाऊसाहेब घोडके (29) निवासी पाटिलनगर, चिखली की शिकायत के अनुसार, उनकी पत्नी गर्भवती थी तब उसका इलाज अश्वमेध नर्सिंग होम में चल रहा था और उसके सारे टेस्ट्स आशिर्वाद डायग्नोस्टिक सेंटर में किये गए। यहां पर उनके पत्नी की सोनोग्राफी की गई जिसमें बच्चे को स्वस्थ बताया गया। नर्सिंग होम में भी डॉक्टरों ने ऐसा बताकर उसकी प्रसूति की। जब बच्चा पैदा हुआ तो उसके एक पंजा अधूरा पाया गया, उसमें तीन ही उंगलियां थी। यही नहीं बच्चे की शौच की जगह भी नहीं थी। डॉक्टरों की लापरवाही के चलते बच्चे की जान को खतरा निर्माण हो गया है। इसके चलते स्वप्नील घोड़के ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। ससून हॉस्पिटल की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने चारों डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फिलहाल छानबीन शुरू है।
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